राकेश कुमार अग्रवाल
झांसी। देश के प्रत्येक भाग को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, भारतीय रेलवे ने दिनांक 12 मई से 30 वातानुकूलित स्पेशल और 1 जून से 200 अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाई है। इनमें से 26 वातानुकूलित और 100 अतिरिक्त विशेष रेलगाड़ियों का उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर ठहराव दिया गया है, जिसमें उत्तर मध्य रेलवे परिक्षेत्र से प्रारम्भ होने वाली प्रयागराज-नई दिल्ली और कानपुर-नई दिल्ली के बीच दो जोड़ी विशेष ट्रेनें भी शामिल हैं।
रेल परिचालन के इतिहास में संभवत: यह पहली बार है जब रेलवे औपचारिक रूप से जब तक बहुत आवश्यक न हो, यात्रियों से यात्रा न करने का अनुरोध कर रहा है, फिर भी सम्पूर्ण देश के सभी प्रमुख स्थानों के लिये इन विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन यह सुनिश्चित किया जा रहा है. उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से प्रारम्भ होने या गुजरने वाली विशेष ट्रेनें नई दिल्ली, अमृतसर हावड़ा, मुंबई, पुणे, वासो डी गामा, गुवाहाटी, बेंगलुरु, चेन्नई, एर्नाकुलम, पटना, रांची, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, सूरत, नांदेड़, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, जबलपुर, भोपाल आदि महत्वपूर्ण स्थलों के लिए कनेक्टिविटी प्रदान कर रही हैं।
1 जून से विशेष ट्रेनों के रूप में चालू की गई प्रयागराज और श्रमशक्ति एक्सप्रेस की औसतन आक्युपेंसी केवल 73% और 52% है जो कि अपेक्षाकृत कम है।
उ.म.रे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी के अनुसार निरंतर निगरानी, कुशल संचालन और परिसंपत्तियों के कुशल रखरखाव के साथ, उत्तर मध्य रेलवे ने विशेष ट्रेनों के समयबद्ध संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुये 1 से 7 जून की अवधि में विशेष ट्रेनों को 86.8% समयबद्धता से चलाया है। इस अवधि में कुल 538 विशेष ट्रेनों में 467 ट्रेनों को शतप्रतिशत समयबद्धता के साथ चलाया गया है।