एसिड पीड़िता और छात्राओं ने तीन दिवसीय डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण शिविर में ऑनलाइन नई तकनीक के साथ साइबर सुरक्षा का पाठ पढ़ी

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-विशेषज्ञों ने बताया कि शोसल मीडिया, ऑनलाइन बैंकिंग या अन्य प्लेटफॉर्म पर किन बातों का रखें ध्यान

-आशा ट्रस्ट और रेड ब्रिगेड ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शनिवार को समापन हुआ

रिपोर्ट- राजकुमार गुप्ता, वाराणसी

वाराणसी: सोशल मीडिया में सक्रिय रहते हुए किन बातों का ध्यान रखें, साइबर क्राइम से बचने के क्या तरीके हैं, डिजिटल वर्ल्ड में किस तरह गोपनीयता और सुरक्षा बनाएं रखें, आशा ट्रस्ट और रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के ओर से शहर के दुर्गाकुंड स्थित आरेंज कैफे में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन कोरोना काल के समय से बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक किया।

इसकी शुरुआत करते हुए प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल ने बताया कि लॉकडाउन से ही अनलाक 2 में भी लोग घरों में कम्प्यूटर, मोबाइल फोन और टैबलेट पर ज्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे में साइबर अपराधियों को उनके सिस्टम को हैक करने का ज्यादा मौका मिलता है। बतौर प्रशिक्षक सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि साइबर अपराधी लॉकडाउन में बैंक की ओर से तीन महीने के लिए छूट देने का बहाना बनाकर लोगों से खाते संबंधी जानकारी लेकर फ्रॉड कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को पता होना चाहिए कि बैंक कभी इस तरह के फोन नहीं करता। यूपीआई व इंटरनेट बैंकिंग संबंधी फ्रॉड पर चर्चा करते हुए बताया कि अक्सर लोग गूगल पर नंबर सर्च कर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। लोगों को सिर्फ असली वेबसाइट पर जा कर ही कस्टमर केयर का नंबर लेना चाहिए।

प्रशिक्षण के दौरान साइबर क्राइम से बचने से लेकर नये नये तकनीक के उपयोग की भी जानकारी दी गई।

राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस वर्तमान समय में आईजीआरएस, पीजी सहित विभिन्न पोर्टलों, निगरानी, ई-कोर्ट, भूलेख, आरटीआई, आरटीई आदि पोर्टलों, ऐप्स, वेबसाइट आदि के माध्यमों से आमजन, विद्यार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाया जा रहा है। जिसमें पेपरलेस, आनलाइन, आवेदन, शिकायत एवं सुझाव बिना भागदौड़ घर बैठे पाठयक्रमों में पंजीकरण, ई-अधिगम, ऑनलाइन-परीक्षा, डिजिटल प्रमाण-पत्र शामिल है तथा जिसे स्वतः एसएमएस एवं आधार समर्थित प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (डीबीटी) योजनाओं का समर्थन प्राप्त है।

अजय पटेल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा को लेकर डिजिटल ऑनलाइन पेपरलेस प्रशिक्षण शिविर अभियान चलाया जा रहा है। हमारे विशेषज्ञों की टीम पूर्वांचल के कई जिलों की प्रतिभागियों को डिजिटल आनलाइन विषय के बारे में जानकारी दिया। इस दौरान उन्हें इंटरनेट के सुरक्षित इस्तेमाल के बारे में जागरूक भी किया गया।

साइबर क्राइम से निपटने के तरीके सुझाएं गये

डिजिटल ऑनलाइन पेपरलेस प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य एसिड पीड़िताओं और छात्राओं को साइबर जगत के नकारात्मक पहलुओं से अवगत कराते हुए इंटरनेट पर उनके लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना है। इसके तहत तीन मुख्य उद्देश्यों पर काम किया गया। इनमें डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना, साइबर क्राइम के बारे में जागरूकता लाना और साइबर क्राइम से निपटने के लिए सुरक्षा के मौजूदा टिप्स के बारे में जानकारी देना शामिल है जिससे पीड़िताओं, छात्राओं को जागरूक बनाकर उन्हें सुरक्षा कवच दिया जा सकता है।

अआनलाइन फ्रॉड राेकने के लिए बरतें ये सावधानियां

कभी किसी अजनबी का बैंक अधिकारी के नाम से आई काॅल पर भी काेई डिटेल नहीं दें ओटीपी नंबर और एटीएम पिन भी कतई नहीं दें किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, न ही लालच में काेई अनजान एप इंस्टॉल करें सोशल मीडिया का यूजर आईड और पासवर्ड भी शेअर नहीं करें।

इस दौरान अजय पटेल, राजकुमार गुप्ता, वाराणसी से बदामा देवी, सुमन कुमारी, आस्था कुमारी, मऊ से नग्मे इरम खान, इलाहाबाद से संगीता पटेल, गाजीपुर से प्रियंका भारती, प्रीति सरोज, जौनपुर से सन्नो सोनकर आदि लोग शामिल रहे।

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