कोरोना के नाम पर आधा कुलपहाड़ सीज

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पूरा बाजार , चारों प्रमुख बैंक भी हुए बंद , एक गली से दूसरी गली भी नहीं जा सकते

कुलपहाड ( महोबा ) । कोरोना के नाम पर अघोषित आपातकाल लगा दिया गया है. नगर में तीन और कोरोना पाजिटिव केस मिलने के बाद नगर पंचायत ने पूरा बाजार और नगर के चारों प्रमुख बैंकों पर भी अघोषित लाकडाउन लग गया है। नगर के तीनों एटीएम पर पहले से ताला जडा है।

कोरोना के नाम पर सरकारी तांडव चल रहा है। हालात इमरजेंसी से भी बुरे हो गए हैं। इतिहास में पहली बार पूरा बाजार और नगर के प्रमुख आधा दर्जन मोहल्ले किशोरगंज, राजावार्ड , चमरदा, टिलवापुरा , सतियनपुरा , गल्ला मंडी , पुरानी तहसील को नगर पंचायत द्वारा बाकायदा बांस – बल्ली लगाकर सीज कर दिया गया है।

कोरोना से बचाव का हाल यह है कि राशन पानी, दूध , दवाई सब पर बैन लग गया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ४० वर्षीय रेडीमेड व्यवसायी , एक मिस्त्री व एक गृहणी के कोरोना पाजिटिव की रिपोर्ट आते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने आधे नगर को बंकर नुमा बना दिया है। एक गली से दूसरी गली में भी पैदल नहीं जाया जा सकता है।

इस कोरोना बैरीकेडिंग के चलते नगर के ४०००० खाताधारक वाला स्टेट बैंक , इलाहाबाद बैंक , सेंट्रल बैंक व आर्यावर्त बैंक समेत चारों प्रमुख बैंक भी बंद हो गए हैं। नगर का सेंट्रल बैंक का एटीएम दो साल से बंद चल रहा है। बैंक आफ बडौदा का एटीएम भी साल भर से ठप पडा है। इकलौता स्टेट बैंक का एटीएम भी कोरोना के कारण चार माह से अघोषित रूप से बंद कर दिया गया है। ऐसे में यदि किसी के घर में पैसा नहीं है तो उसे ब्याज पर पैसा मांगने की कगार पर कोरोना ने खडा कर दिया है।

कोरोना केस बढते ही प्रशासनिक सक्रियता केवल इसी समस्या पर आ कर टिक गई है। सुबह सवेरे से उन मोहल्लों व बाजार को सेनेटाइज किया गया जहां पर कोरोना के नए मामले प्रकाश में आए हैं।

सबसे विकट समस्या उन लोगों के समक्ष उठ खडी हुई है जो रोजाना कमाने व रोजाना खाने वाले थे। आधा दर्जन मोहल्ले को बंकर बनाए जाने के बाद इन मोहल्लों में दूध, सब्जी, फल य, राशन व दवा का संकट खडा हो गया है।

गौरतलब है कि नगर में एक दर्जन से अधिक मेडीकल स्टोर हैं. बाजार के सभी एक दर्जन मेडीकल स्टोर कंटेनमैंट जोन में आ जाने के कारण बंद कर दिए गए हैं। कमोवेश यही हाल हास्पिटल एवम क्लिनिकों का हुआ है। डा. कमलेश सक्सेना , डा. कृष्ण गोपाल सोनी, डा. आत्मप्रकाश , डा. दीपिका प्रकाश , डा. सौरभ खरे, डा. मुकेश खरे, डा. आशीष खरे, डा. राजेन्द्र लक्षकार , समेत एक दर्जन चिकित्सकों के अस्पतालों में ताले जड गए हैं। सबसे गंभीर संकट गर्भवती महिलाओं के समक्ष उठ खडा हुआ है कि वे अब प्रसव के लिए हास्पिटल कैसे पहुंचेगी।

कोरोना कंटेनमैंट जोन के चलते रक्षाबंधन का त्योहार और बकरा ईद भी लाकडाउन की भेंट चढने जा रहे हैं।

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