सतना जिला और जनपद पंचायत सीईओ ने जारी किया खुद के भ्रष्टाचारी होने का प्रमाण पत्र

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पिंडरा ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचारी सचिव के भ्रष्टाचारों की जांच करने के बजाय सौंपा दूसरी ग्राम पंचायत का अतिरिक्त प्रभार

सतना – आज जहां एक तरफ देश और प्रदेश में दोनों ही जगह भाजपा की सरकार है और इसके नेता भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात करते हुए गुड गवर्नेंस की बात करते हैं। तो वहीं यह देखने में आ रहा है कि भाजपा शाशित राज्य मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार करने में झंडे गाड़ रहा है। राज्य के अधिकारी और कर्मचारी जहां दोनों हाथों से जनता के खून और पसीने की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं। तो वहीं सत्ताधारी पार्टी के नेता किए जा रहे भ्रष्टाचार को देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं।

यहां हम बात कर रहे हैं एम.पी. के सतना जिले की।जहां जिले की जिला पंचायत सीईओ रिजू वाफना और जिला अंतर्गत जनपद पंचायत के सीईओ अशोक मिश्रा अपने खुद के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं। पूरा मामला सतना जिले की जनपद पंचायत मझगंवा के ग्राम पंचायत पिंडरा का है। इस ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचारी सचिव रमेश यादव के भ्रष्टाचारी कारनामों से तंग आने के साथ ही सचिव के ऊपर उच्चाधिकारियों की सरपरस्ती को देखते हुए जहां इस ग्राम पंचायत के सरपंच देवी दयाल प्रजापति ने सचिव के कारनामों की जांच की मांग करते हुए बीते दिनों थाना मझगंवा में एफ आई आर दर्ज कराई है,तो वहीं ग्राम पंचायत के पंचों सहित ग्राम वासियों के द्वारा सचिव के भ्रष्टाचारों की जांच की मांग किए जाने के आवेदन पत्रों को दरकिनार करते हुए जिला पंचायत सीईओ ने जनपद सीईओ की अनुशंसा पर भ्रष्टाचारी सचिव रमेश यादव को भ्रष्टाचार करने का पुरस्कार और खुद के भी सचिव के साथ भ्रष्टाचारों में संलिप्त होने का प्रमाण पत्र जारी करते हुए ग्राम पंचायत महतैन का अतिरिक्त प्रभार दे दिया है। दिए गए अतिरिक्त प्रभार के खेल से यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है की मझगंवा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतो में बह रही भ्रष्टाचार की गंगोत्री में जिला पंचायत सीईओ,जनपद पंचायत सीईओ ग्राम पंचायतो के सरपंच – सचिवों सहित मिलकर गोते लगा रहे हैं।

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