रायबरेली- जिस ओवर ब्रिज का लोकार्पण स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया हो और वह महज दो साल में जर्जर हो जाय तो कार्यदायी संस्था पर सवालिया निशान लगना लाजमी है। जर्जर पुल की खबर जैसे ही रिपोर्टस टुडे पर चली जिला प्रशासन हरकत में आया और जिलाधिकारी ने दल बल के साथ टूटे पुल का निरीक्षण किया। और मरम्मत के निर्देश देते हुए जर्जर स्थिति देखकर जिम्मेदारो को जमकर फटकारा। वैभव श्रीवास्तव के रौद्र रूप को देखकर मातहतों के पसीने छूट गए।
मामा चौराहे स्थित यह उपरिगामी सेतु दो साल पहले ही बना था जो काफी जर्जर हो चुका है।
मामा चौराहे स्थित उपरिगामी सेतु के जर्जर होने की खबर रिपोर्ट्स टुडे नेटवर्क ने बड़ी प्रमुखता से दिखाई। जिसके बाद जिला प्रशासन नींद से जागा। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने पूरे दल बल के साथ पुल का निरीक्षण किया। हालत देखकर जिलाधिकारी भौचक्के रह गए उन्होंने अपने मातहतों व जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई और तत्काल रूट डायवर्जन कर पुल की मरम्मत के निर्देश दिए।
जाम के झाम से निजात पाने के लिए सरकार ने रायबरेली को रेलवे स्टेशन समपार संख्या 24 ए पर दो लेन उपरिगामी सेतु महज इसलिए दिया था ताकि रायबरेली की जनता आसानी से अपना सफर तय कर पाए और जाम की समस्या से निजात मिल सके। 35 करोड़ की लागत से पुल बनकर कर तैयार हो गया और 16 दिसंबर 2018 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका लोकार्पण कर दिया जिसके गवाह के रूप में प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री भी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। लेकिन उपरिगामी सेतु की हालत 2 साल के अंदर इतनी जर्जर हो गई कि लोगों का आना-जाना मुश्किल हो रहा था । एबीपी पर खबर चलने के बाद जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे और जिम्मेदार संस्था पर कार्यवाही के लिए शासन को पत्र भी लिखा। जिलाधिकारी के रौद्र रूप को देखकर मातहतों के ठंडी में भी पसीने छूट गए। वैभव श्रीवास्तव ने तत्काल डायवर्जन कर मरम्मत करने के निर्देश मातहतों को दिए।
जिलाधिकारी ने क्या कहा
सेतु निगम द्वारा दो-तीन साल पहले बना हुआ पुल है । जिसमें काफी कमियां आ गई है। ज्वाइंटर में कमजोरी आ गई है। रूट डायवर्जन किया जा रहा है। पंद्रह बीस दिनों में पुल की मरम्मत करके इसे तैयार किया जाएगा और पुनः आवागमन शुरू करा दिया जाएगा । कार्यदाई संस्था पर कार्यवाही के सवाल पर कहा शासन स्तर से इस पर कार्यवाही की जा रही है।
अनुज मौर्य एक्सक्लुसिव रिपोर्ट