रिपोर्ट – दुर्गेश सिंह चौहान
रायबरेली। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सहकारिता विभाग के करीब 50 हजार बकायेदार पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित किए गए हैं। इन डिफाल्टरों पर 1.17 अरब से अधिक रुपये बकाया है। साथ ही जिले के करीब 200 पूर्व प्रधानों को भी विभाग से एनओसी मिलना संभव नहीं है।
विकास कार्यों में लाखों के खेल के मामले में कइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है तो कइयों ने वसूली आदेश के बाद भी अब तक गबन की गई धनराशि को जमा नहीं किया है। ऐसे बकायेदारों और घपलेबाजों को चुनाव के लिए अदेयता प्रमाणपत्र न देने के आदेश दिए गए हैं।
सहकारिता विभाग की ओर से जिले में 160 सहकारी समितियां और जिला सहकारी बैंक की 29 शाखाएं संचालित हैं। इसमें जिले में 29 और अमेठी जिले में पांच शाखाएं संचालित हैं। खाद, बीज व अन्य काम के लिए 46 हजार से अधिक लोगों ने सहकारिता से ऋण लिया है।
ये ऐसे बकायेदारों ने जिन्होंने अब तक 73 करोड़ रुपये का ऋण जमा नहीं किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम्य विकास बैंक (एलडीबी) से भी कर्ज लेने के बाद चार हजार से अधिक बकायेदारों ने करीब 44 करोड़ रुपये जमा नहीं किए हैं।
जल्द ही पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की जा सकती है। सहकारिता विभाग 50 हजार से अधिक बकायेदारों को इस बार पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि वे बकाया राशि को जमा कर देते हैं तो ही चुनाव लड़ सकते हैं।
मामले में डीएम ने डीपीआरओ और सभी ब्लॉकों के बीडीओ को निर्देश दिए कि पंचायत चुनाव में समितियों और सहकारी बैंकों से अदेय प्रमाणपत्र जरूर लिया जाए। अदेय प्रमाणपत्र पाने के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों को पहले कर्ज समाप्त करना होगा।
जिले के करीब 200 पूर्व प्रधानों को भी चुनाव के लिए एनओसी लेने में दिक्कत होगी। किसी के खिलाफ जांच चल रही तो कई प्रधानों के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया है। जांच में घपले की पुष्टि होने के बाद पूर्व प्रधानों के खिलाफ वसूली के आदेश दिए गए हैं।
अब तक गबन की गई धनराशि को घपलेबाज पूर्व प्रधानों ने जमा नहीं किया है। मामले में ऐसे दोषी पूर्व प्रधानों को भी चुनाव के लिए एनओसी न देने के आदेश दिए हैं। ऐसी स्थिति में मैदान में उतरने का मूड बना रहे ऐसे बकाएदारों और घपलेबाजों को बड़ा झटका लगने वाला है।
प्रधान पद की 336 सीटों पर होगा आधी आबादी का कब्जा
जिले में इस बार प्रधान पद की 336 सीटों पर आधी आबादी का ही कब्जा होगा। 652 सीटों पर ही पुरुष अपनी दावेदारी ठोंक सकेंगे। हालांकि इसमें अनारक्षित 333 सीटों पर इस बार भी महिलाएं दावेदारी पेश करेंगी। जिले में प्रधान पद की 66.29 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी। कुल 655 सीटें आरक्षित होंगी।
छुट्टी के दिन भी डीपीआरओ दफ्तर में हुआ आरक्षण का काम
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रधान, बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्यों की सीटों के आरक्षण के कार्य को समय से पूरा कराने के लिए रविवार को छुट्टी दिन भी डीपीआरओ कार्यालय में दिनभर काम चला। कर्मचारी जितेंद्र तिवारी, शैलेंद्र पांडेय, मनोज यादव, अनिकेत बाजपेयी, जितेंद्र कुमार आदि कर्मचारी काम को पूरा करने में जुटे रहे। डीपीआरओ राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि सभी सीटों के आरक्षण निर्धारण का काम चल रहा है। ब्लॉकवार आरक्षित सीटों की संख्या ब्लॉकों को उपलब्ध कराने के लिए रविवार को भी दफ्तर खोला गया। समय से शासन से जारी गाइडलाइन के हिसाब से सीटों के आरक्षण का काम पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है।
सहकारी संस्थाओं से करीब 50 हजार बकायेदारों ने अब तक 1.17 अरब रुपये का ऋण जमा नहीं किया है। ऐसे बकायेदारों को चुनाव लड़ने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा। यदि वे बकाया धनराशि को जमा कर देते हैं तो ही उन्हें एनओसी दी जाएगी। बकाया वसूली में तेजी लाने के लिए सीडीओ ने चेतावनी भी दी है।
आरएस सेंगर, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक