रायबरेली. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को ऑनलाइन आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति महिला जागरूकता सम्मान समारोह संपन्न हुआ समारोह में अमेरिका की 2 सामाजिक कार्यकर्ताओं और भारत की चार साहसी महिलाओं को सम्मानित किया गया.
बतौर मुख्य अतिथि भारत की पैड वूमेन माया विश्वकर्मा ने कहा कि मां पिता भरोसा करें तो बेटियां हर काम करने में समर्थ हो सकती है. बेटियां हर सपने को हकीकत में बदलने में समर्थ है. अपना उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि माता पिता ने कम पढ़े लिखे होने के बावजूद उन्हें पढ़ने के अवसर दिए और आज दुनिया में एक मुकाम हासिल करने में हम सक्षम हुए. उन्होंने कहा कि अमेरिका में पढ़ाई लिखाई के बाद वह मध्य प्रदेश के तमाम जनपदों में महिला जागरूकता कार्यक्रम चला रही है.
आचार्य द्विवेदी समिति की अमेरिका इकाई के अध्यक्ष एवं हिंदी शायरी मंजू मिश्रा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा की एक शताब्दी पहले आचार्य द्विवेदी ने सरस्वती में लेख और निबंध प्रकाशित कर स्त्री शिक्षा और जागरूकता की जो मशाल जलाई थी, आज उसका असर दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में दिख रहा है. भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आई हैं. समिति की भारत इकाई के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा की आज आचार्य द्विवेदी स्मृति संरक्षण अभियान सात समंदर पार कर अमेरिका पहुंच चुका है. यह अभियान हमेशा हमेशा जारी रहेगा.
अमेरिका इकाई की शुभ्रा ओझा ने समिति के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. संचालिका रचना श्रीवास्तव ने गीतों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर विचार व्यक्त किए बेंगलुरु की कवियत्री डॉ निधि सिंह ने जागरूकता गीत सुनाकर सभी का दिल जीत लिया.कार्यक्रम में कुसुम नैपसिक ममता त्रिपाठी नीलू गुप्ता अरविंद शर्मा आनंद स्वरूप श्रीवास्तव विनोद शुक्ला प्रमोद अवस्थी शिवम मिश्रा करुणा शंकर मिश्रा वात्सल्य राय आदि मौजूद रहे.
इन महिलाओं को किया गया सम्मानित
फैट वूमेन ऑफ इंडिया माया विश्वकर्मा एशिया की प्रथम महिला लोको पायलट सुरेखा यादव अमेरिका की समाजसेवी संतोष कुलश्रेष्ठ चारू शिवकुमार भारत की प्रथम महिला ट्रक चालक पूनम नेगी एवं युवा कवियत्री रति अग्निहोत्री को आचार्य द्विवेदी इस मृत महिला जागरूकता सम्मान से सम्मानित किया गया.
आचार्य द्विवेदी महिला जागरूकता सम्मान से सम्मानित अमेरिका की सामाजिक कार्यकर्ता संतोष कुलश्रेष्ठ ने कहा कि समस्याएं केवल भारत में ही नहीं है अमेरिका जैसे संपन्न देशों में भी लोग अन्य तरह की समस्याओं से ग्रसित है ऐसे समस्या ग्रस्त लोगों की मदद में उनकी संस्था पिछले 10 वर्षों से कार्य कर रही है उन्होंने कहा कि किसी की आंख का आंसू पोछना सम्मान मिलने से ज्यादा बड़ा काम है.
महिला का सम्मान बढ़ाना है: पूनम नेगी
भारत की प्रथम महिला ट्रक चालक पूनम नेगी अपने बचपन की दुश्मनों का जिक्र करते हुए कहा कि समस्याओं ने उन्हें भारी वाहन चलाने की प्रेरणा दी परिवार से मिले प्रोत्साहन की वजह से ही वह जेसीबी मशीन तक दुर्गम पहाड़ी इलाकों में चलाने के काबिल बनी है मेरी कोशिश होगी कि कम पढ़ी लिखी महिलाओं मैं साहस का संचार किया जाए.
भावनाओं को अभिव्यक्त करती है कविता रति देहरादून की रहने वाली युवा कवयित्री रती अग्निहोत्री ने सम्मान करने के बाद कहा कि माता पिता के संघर्ष की बदौलत ही वह इस मुकाम पर पहुंचने में कामयाब हुई है मां और पिता ने हमारी पढ़ाई के वास्ते अपना घर बार छोड़कर देहरादून को अपना नया ठिकाना बनाया. कविता सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है और भावनाओं को अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम है