रिपोर्ट- सुधीर त्रिवेदी
मृतक पर था बैंक व साहूकारों का तीन लाख का कर्ज ।
बांदा— केसीसी और बेटी की शादी में लिया गया डेढ़-डेढ़ लाख रुपए का कर्ज किसान की फांसी का फंदा बन गया। आर्थिक तंगी से जूझ रहा किसान कर्ज की अदायगी नहीं कर पा रहा था। आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान ने कमरे में रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह घरवालों ने शव फंदे पर लटकते हुए देखा तो कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मरका थाना क्षेत्र के समगरा गांव निवासी किसान राजकुमार (55) पुत्र भीखम सिंह पांच बीघे का काश्तकार था। गुरुवार की रात को उसने अपने घर के कमरे में रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह परिवार के लोगों ने शव फंदे पर लटकते हुए देखा तो कोहराम मच गया। खबर पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के रिश्ते के चाचा कुलदीप सिंह ने बताया कि राजकुमार खेती-किसानी करता था। उसके दो पुत्रियां हैं। बड़ी बेटी आरती की शादी 30 अप्रैल को की थी। शादी के दौरान उसने गांव के लोगों से डेढ़ लाख रुपया कर्ज ले लिया था। इसके साथ ही काफी समय पहले डेढ़ लाख रुपया कर्ज केसीसी से लिया था। उसने अपनी दो बीघा जमीन भी गिरवी रख दी थी। कर्ज की अदायगी का दबाव बढ़ने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहा किसान परेशान हो गया था। इसी के चलते उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।