कौशाम्बी | नकल के लिए प्रदेश में कुख्यात कौशाम्बी में माफियाओं के आगे जिला प्रशासन घुटने टेक चुका है। रासुका की धमकी व सीसीटीवी के इंतजाम के बीच बुधवार को इंटरमीडिएट अंग्रेजी का पेपर पांच घंटा पहले आउट हो गया। सोशल मीडिया में परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र वायरल हो चुका था। इसको लेकर हड़कंप मचा था। परीक्षा खत्म होने के बाद वायरल पेपर का मिलान हुआ तो अधिकारियों के होश उड़ गए। पेपर आउट होने की पुष्टि के बाद से अधिकारियों की बोलती बंद है।
बुधवार को दूसरी पाली में इंटरमीडिएट अंग्रेजी की परीक्षा थी। परीक्षा महत्वपूर्ण थी, इसलिए अधिकारियों ने शिकंजा कस रखा था। सुबह से ही तैयारी थी कि अंग्रेजी की परीक्षा में ताबड़तोड़ छापा डाला जाएगा। अधिकारी अपनी तैयारी करते, इसके पहले सुबह करीब दस बजे अंग्रेजी का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सोशल मीडिया पर जो पेपर वायरल हुआ था उसका कोड 117-316(वाईबी ) था। पेपर के नीचे जो कोड पड़ा था वह जे28746 था। इसकी जानकारी सुबह ही डीएम मनीष कुमार वर्मा को दे दी गई थी। उन्होंने कहा था कि परीक्षा खत्म होने के बाद इसकी जांच करवाई जाएगी। हालांकि पेपर आउट होने की भनक डीआईओएस दफ्तर को लग चुकी थी। परीक्षा खत्म होने के बाद परीक्षार्थियों से पेपर लेकर वायरल पेपर का मिलान किया गया तो वह हूबहू निकला। अधिकारियों ने भी इसकी जांच की। पेपर आउट होने की पुष्टि हो चुकी थी, लेकिन अचानक इस मामले में अफसरों ने चुप्पी साध ली।
डीआईओएस सत्येंद्र कुमार सिंह ने इस मामले में कोई जवाब ही नहीं दिया। इसके पहले भी इंटरमीडिएट के रसायन विज्ञान का साल्व पेपर और हाईस्कूल अंग्रेजी का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। अधिकारियों ने यह कहकर बचाव किया था कि साल्व पेपर के तीन से चार प्रश्न मिल रहे हैं, ये मॉडल पेपर है। वहीं हाईस्कूल के अंग्रेजी के वायरल पेपर के कोड का हवाला देकर सीधे-सीधे प्रश्न-पत्र मानने से ही इंकार किया गया था। इससे साफ हो चुका है कि कौशाम्बी में जिला प्रशासन अपने घुटने टेक चुका है।
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