रिपोर्ट – सुधीर त्रिवेदी, वरिष्ठ संवाददाता
बांदा। जिला उद्दोग विभाग को करोड़ों का चूना लगाने का आरोपी बर्खास्त सहायक आयुक्त सर्वेश जो शोशल मीडिया में कभी सपा समर्थक तो कभी अपने आप को कभी टीएमसी नेता बताकर भाजपा की केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार तथा क्षेत्रीय भाजपा जनप्रतिनिधियों पर शोशल मीडिया मे आमर्यादित अभद्र भाषा के प्रतिदिन कोई ना कोई पोस्ट डालकर अपने आप को पीड़ित और सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में की गई बर्खास्तगी को जातिवाद व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की ईर्ष्या के कारण गलत सबित करने का कुचक्र षडयंत्र करता रहता है और इनके कार्यकाल मे क्षेत्रीय सपा नेता जो इनके लिए दलाली करने का काम करते थे तो उनको अपने भ्रष्टाचार से कमाई गयीं काली कमाई से 2022 मे सदर बाँदा से बिधायक का चुनाव लडाने का दम भरता जिससे वह सपा नेता भी पर्दे के पीछे से अगाहेबिगाहे इनकी मदद करते रहते है लेकिन जबकि भ्रष्टाचार के दलदल में सिर तक डूबे बर्खास्त सहायक आयुक्त सर्वेश का दीवालियापन इतना हावी हो चुका है कि वह कुछ मीडिया कर्मियों व संस्थानों के ऊपर भी अमर्यादित भाषा व मनगढ़ंत आरोप लगाने से भी परहेज नहीं करता है देखने की बात यह है कि भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त सहायक आयुक्त सर्वैश दीक्षित कब तक कानूनी व बिधिक कार्यवाही को गच्चा देकर खुलेआम उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रशासनिक तंत्र को कब तक मैराथन दोड लगवाकर चुनौती देता रहेगा। सर्वेश दीक्षित बांदा में सहायक आयुक्त उद्दोग पद पर कार्यरत था। अपने तैनाती काल में उसने उद्दोग विभाग कार्यालय के ही कई
प्लाट यहां के व्यापारियों को अवैधानिक तरीके से हस्तांतरण कर सरकारी राजस्व को करोड़ों को चूना लगा दिया।यह मामला सदर विधायक प्रकाश दिवेदी के संज्ञान में आया तो उन्होने प्रकरण शासन-प्रशासन के संज्ञान में लाया। इस पर इसने मामले को दबाने के लिये सदर विधायक प्रकाश की चरण वंदना की, लेकिन सरकार एवं बांदा के व्यापारियों से धोखा करने वाले इस सर्वेश को सहारा देने की बजाय उसे विधायक के यहां दुत्कारा गया।विधायक प्रकाश के सख्त लहजे के चलते इसके खिलाफ एफआई आर दर्ज हुई औऱ निलंबन की कार्यवाई हो गई। इसी क्रम में मुख्य मंत्री योगी नें जांच कराकर सर्वेश को बर्खास्त करवा दिया था।