डाॅक्टर बने बच्चे , बनाया फर्स्ट एड बाॅक्स , थामी परिजनों की नब्ज
तौहीद उमर बख्श बने चैस मास्टर
रिपोर्ट – राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड ( महोबा )। कोरोना काल में एक बार फिर डाक्टरों की भूमिका को जमकर सराहा गया है . ऐसे में आरबीपीएस के स्टूडेंट्स समर कैम्प के छठे दिन डाक्टरों की भूमिका में उतर आए . उन्होंने न केवल फर्स्ट एड बाॅक्स तैयार किए बल्कि नब्ज टटोल कर अपने ही परिजनों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया .
जूनियर छात्रों के लिए आयोजित इस एक्टिविटी में छात्र छात्राओं ने बढ चढकर हिस्सा लिया . अलीखान , राशि गुप्ता , अनन्या सिंह , तबाना , श्रद्धा , खुशी , मो. नाजिम , सानिया फीरोज , चाहत त्रिपाठी , हार्दिक खरे ,रिषभ वर्मा , कौस्तव सक्सेना , माही सोनी , हिमालवी शक्ति , रिया निगम , निष्ठा सिंह , नित्या , अंशुल , ओजस्वी गुप्ता , अलिस्बा खान , अभय तिवारी , शुभम साहू , पूर्वी , प्रिया गुप्ता , सैफी , गौरवी गुप्ता , महक श्रीवास ने न केवल फर्स्ट एड किट तैयार कीं बल्कि दवाओं की प्रकृति व उपयोगिता के बारे में जानकारी दी . छात्रों ने अपने परिजनों की नब्ज को थाम डाक्टर बनकर उनका शारीरिक परीक्षण भी किया .
सीनियर वर्ग में आयोजित आनलाइन चैस कांपटीशन में फाईनल मुकाबला तौहीद उमर बख्श और आकर्षित अग्रवाल के बीच खेला गया . जिसमें एक घंटे तक चले मुकाबले में आकर्षित अग्रवाल ऐन वक्त पर जीती बाजी हार गए . अंतिम पलों में शानदार प्रदर्शन कर तौहीद ने बाजी पलट कर फाईनल मुकाबला जीत लिया . तौहीद को चैस मास्टर के खिताब से नवाजा गया .
इस अवसर पर प्रिंसिपल अमित अग्रवाल ने बच्चों से कहा कि उन्हें भी स्वास्थ्य और सेवा की बेसिक जानकारी जरूरी है . बच्चों को इमरजेंसी व एम्बुलेंस सुविधा की जानकारी भी होना चाहिए . उन्होंने कहा कि चिकित्सा एक नोबल प्रोफेशन है जिसमें मानव सेवा , नाम , शोहरत , पैसा सब कुछ है . यदि कुछ बच्चे मेडीकल फील्ड में कैरियर बनाने के लिए आगे आते हैं तो वे भी समाज सेवा का काम करेंगे .
छठवे दिन बच्चों की एक और एक्टिविटी आयोजित की गई जिसमें पशु पक्षियों की आवाज सुनकर स्टूडेंट्स को उस पशु पक्षी का नाम बताना था . इस एक्टिविटी में वैष्णव रघुवंशी , राजेश सिंह , अंशुमन , कार्तिक यादव ने प्रतिभाग किया . संचालन समर कैम्प कोईर्डिनेटर मो. अरशद ने किया .