दिवंगत पत्रकार शलभ की पत्नी को मिली सरकारी नौकरी

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प्रतापगढ़- दिवंगत पत्रकार शलभ की पत्नी को मिली सरकारी नौकरी

रिपोर्ट – देवेश

प्रतापगढ़ में पत्रकार सुलभ की पत्नी रेणुका को नगर पंचायत कोहंड़ौर में कार्यालय सहायक के पद पर नौकरी मिल गई है। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुशील रघुवंशी ने इसकी पुष्टि की। गौरतलब है कि सुलभ की 13 जून को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। परिवार वालों ने एक शराब माफिया पर हत्या करने का आरोप लगाया है।

जिला प्रशासन की पहल पर मिली नौकरी

एडीजी प्रयागराज जोन के निर्देश पर एएसपी (पूर्वी) के नेतृत्व में इस प्रकरण के लिए जांच टीम गठित की गई है। परिवार वालों ने मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये, पत्नी रेणुका को नौकरी एवं बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की मांग की थी। इसमें जिला प्रशासन की पहल पर गुरुवार को पत्नी रेणुका को नौकरी मिल गई है।

संदिग्ध परिस्थिति में पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की मौत पर लोगों का आक्रोश सड़क पर फूटा था। लोगों ने हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। यही नहीं, पत्रकारों व सियासियों ने एडीजी, डीएम, एसपी के सामने धरना दिया था। दूसरी ओर संवेदना जताने के लिए सुलभ के घर पर एडीजी, डीएम, एसपी, सांसद, एमएलसी, सहित सियासियों का जमावड़ा लगा रहा।

एडीजी से जताई थी हत्या की आशंका

पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव को काफी दिनों से अपनी जान पर खतरा मंडरा रहा था। उन्हें लगता था कि उनका कोई अक्सर पीछा करता रहता है। यह बात उन्होंने अपनी पत्नी को भी बताई थी। उन्होंने एडीजी प्रयागराज को वाट्सएप पर पत्र भेजकर अपनी हत्या की आशंका जताई थी। पत्र में उन्होंने कहा था कि नौ जून को उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर शराब माफियाओं के खिलाफ खबर चलाई थी। ऐसे में शराब माफिया उन्हें और उनके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

हत्‍या पर राजनीतिक दलों ने भी जताई थी संवेदना

सांसद संगमलाल गुप्ता, एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी, विधायक विनोद सरोज, भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्रा, पूर्व विधायक बृजेश मिश्र सौरभ, शिव प्रकाश मिश्र सेनानी, अभय सिंह पप्पन, अश्वनी सोनी, राघवेंद्र शुक्ला, भाजयुमो नेता वरुण सिंह, भाजयुमो अध्यक्ष रवि गुप्ता, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बृजेंद्र मिश्रा, नीरज त्रिपाठी, जिला पंचायत सदस्य पूनम इंसान आदि ने सुलभ श्रीवास्तव के घर पहुंचकर उनकी पत्नी से शोक संवेदना व्यक्त की और हर संभव सहायता प्रदान करने का भरोसा दिया था।

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