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पूर्व सीएमओ ने तोड़ डाला था सेल्फी प्वाइंट
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गंदगी से बिलबिला रहा राघव प्रयाग घाट
रिपोर्ट – संदीप रिछारिया
धर्मक्षेत्र। कोरोना की पहली वेव के दौरान यूपी के इलाके में मंदाकिनी को साफ करने की मुहिम चली तो एमपी के अधिकारियों ने भी बहती गंगा में हाथ धोने का प्रयास किया। लेकिन जल्दबाजी और फ्री में काम कराने की आदत के चलते पूर्व सीएमओ ने त्रिवेणी पर बने सेल्फी प्वाइंट को अच्छा बनाने की जगह बिगाड़ कर रख दिया। हाल यह है कि पिछले डेढ साल से इस स्थान को बनाने की बात तो कभी नगर पंचायत ने नही की, वैसे अब यूपी में पर्यटन विभाग टूटे हुए पुल को छोड़कर लीपापोती करने में लगा हुआ है।
मंदाकिनी नदी के साथ छल करने का काम सिंचाई विभाग का पुराना है। घाट बनाकर बोरियां छोड़कर भागने वाले ठेकेदार की पोल कोरोना के पहले लाॅकडाउन के दौरान उस समय खुलनी शुरू हुई, जब रामघाट के रहने वाले कुछ लोगों ने मंदाकिनी को गंदी देखकर खुद साफ करना प्रारंभ कर दिया। इस दौरान जब मंदाकिनी नदी से बोरियां निकलने लगीं तो यूपी के प्रशासन ने अपनी कमी छिपाने के लिए सिंचाई विभाग की तरफ से दिहाडी मजदूर लगवाकर मंदाकिनी से बोरियां निकालने का काम शुरू करवाया। पूर्व जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने इस दौरान दावा किया कि नदी में बोरी छोड़कर भागने वाले ठेकेदार व उसको पेमेन्ट निकलवाने में मदद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ रिकवरी निकालने के साथ ही मुकदमा लिखाकर जेल भेजा जाएगा। यह बात उन्होंने कमिश्नर व राज्यमंत्री के सामने कई बार कही। इसके लिए जांच का काम पूर्व एसडीएम अश्विनी पांडेय , पालिका के ईओ नरेंन्द्र मिश्र व एक्सीयन सिंचाई विभाग को दिया। लेकिन जांच पूरी होती उसके पहले नदी में घाट बनाने वाले मिर्जापुर के ठेकेदार पांडेय जी आकर डीएम से मिले और उसके बाद जांच मुकदमा रिकवरी की कहानी गायब हो गई। बरसात का समय शुरू होने के बाद यह कहा गया कि अभी नदी में लगभग 50 हजार बोरियां हैं, लेकिन बरसात बीत जाने के बाद भी उनको निकालने का प्रयास किया ही नही गया। अमावस्या के मौके पर एक नाव में डलिया रखकर उपर पड़ा कचरा छनवा लिया जाता है, या तो फिर नदी में आने वाली बाढ का इंतजार किया जाता है।
उधर, मप्र के क्षेत्र में राघव प्रयाग घाट पर तीन नदियों का संगम होता है। इसी संगम पर भगवान राम ने अपने पिता का तर्पण किया था। लेकिन पिछले साल से टूटा सेल्फी प्वाइंट बनवाने का काम मप्र के अधिकारियों ने नही किया। घूसखोरी की जिंदा मिशाल बने नगर पंचायत के सीएमओ फिलहाल कई रोडों में हो रही अनियमिताओं के कारण चिंतित हैं। क्योंकि वह रोडें उनके चिंपुओं द्वारा बनाई जा रही है। रजौला गांव के पास सालेड वेस्ट मैनेजगेंट व नयागांव -डिलौरा रोड सहित हनुमानधारा रोड़ की अनियमिताओं की जांच में तलवार उनके उपर भी लटक रही है। अभी अपनी कमी छिपाने के लिए नगर पंचायत ने 10 बोरी सीमेंट की सहायता से मुख्य मार्ग की दरारों को भरने का अधूरा काम किया है।
राघव प्रयाग घाट पर पूरी तरह से दावा मध्य प्रदेश का है। लेकिन इसका उत्तरी हिस्सा उप्र के पास है। मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने इस नदी को मारने के बाद इसे नाले में तब्दील किया तो कोरोना काल में सफाई के नाम पर पूर्व सीएमओ द्वारा की गई गई ड्रामेबाजी का परिणाम आज तक यूपी द्वारा बनवाया गया सेल्फी प्वाइंट भोग रहा है। इस मामले में निर्वाणी अखाड़ा महंत सत्यप्रकाशदास जी महराज कहते हैं कि पयस्वनी व सरयू मैया में हमारे प्राण बसते हैं। राघव प्रयाग संगम वेदोक्त है। इसके पुर्नजागरण के लिए हर प्रयास किया जाएगा। प्रशासन के साथ ही आम लोगों को जगाने का काम किया जाए।