15 तारीख से गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के बदल जाएंगे नियम, आ रहा हैं BH सीरीज

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नेशनल डेस्क
आप अगर सरकारी नौकरी पेशा से जुड़े हैं या आपकी ऐसी नौकरी हैं जिसमे अक्सर ट्रांसफर एक राज्य से कहीं दूर दूसरे राज्य हो जाता है तो उस वक्त आपके मन में ढेरों सवाल आते हैं। सामान ले जाने के साथ ही साथ आपके पास जो गाड़ी है उसको लेकर अलग टेंशन बना रहता हैं। कारण आरटीओ दफ्तर के चक्कर लगाना और फिर दोबारा से उस स्टेट में रजिस्ट्रेशन कराने की टेंशन। सरकार द्वारा नए फैसले के बाद अब आपकी यह टेंशन दूर होने वाली है।क्योंकि आपके पास भारत सीरीज यानी BH नंबर की गाड़ी है।तो इस सीरीज के नंबर वाली गाड़ी को बार बार ट्रांसफर कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आखिरी इस सीरीज की नंबर प्लेट की क्या है खासियत, आइए जानते क्या है इसकी खासियत-

15 सितंबर से लागू होंगे नंबर प्लेट के नए नियम, एक साथ होंगे इतने फायदे

कैसे होगी इस खास सीरीज की पहचान, क्या कुछ अलग तरीके से लिखा होगा इसका नंबर
सड़क पर चलती गाड़ी का जो नंबर आपने देखा है तो उससे BH सीरीज की नंबर प्लेट थोड़ा अलग होगी। नार्मल नम्बर प्लेट राज्यों के कोड नाम के आधार पर नंबर प्लेट की शुरुआत होती है लेकिन भारत सीरीज की नम्बर प्लेट के साथ ऐसा नहीं होगा। BH सीरीज में नंबर प्लेट की शुरुआत रजिस्ट्रेशन वर्ष के साथ होगी। जैसे आपने यदि इसी साल रजिस्ट्रेशन कराया है तो नंबर प्लेट की शुरुआत 21 के साथ होगी। उसके बाद BH लिखा होगा और फिर नंबर और आखिरी में दोबारा लेटर। उदाहरण के लिए इसको ऐसे समझे 21 BH…..यहां नंबर आएगा और उसके बाद दोबार लेटर यानी SS या जो भी। नंबर प्लेट काले और सफेद रंग का होगा। सफेद बैकग्राउंड पर काले रंग से नंबर अंकित होगा।


नई सीरीज में क्या नंबर के लिए कोई भी कर सकता है अप्लाई


सड़क परिवहन मंत्रालय ने रक्षा कर्मियों, केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों और संगठनों के स्वामित्व वाले निजी वाहनों के पंजीकरण के लिए इस नई सीरीज की शुरुआत की है। इस नई सीरीज के तहत जिनके ऑफिस चार या अधिक राज्यों में है उनके कर्मचारी अप्लाई कर सकते हैं। सरकारी और प्राइवेट दोनों ही जगहों पर काम करने वाले लोग इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। ट्रांसफर होने के बाद इस सीरीज का नंबर लेना ही पड़ेगा ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। 15 सितंबर से इसकी शुरुआत होगी और ऑनलाइन अप्लाई करना पड़ेगा।

BH सीरीज के तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया थोड़ी अलग होगी। इसमें वाहन मालिकों के पास विकल्प होगा। उन्हें दो साल, चार साल, 6 साल यानी दो के गुणकों में रोड टैक्स का भुगतान करना होगा। आरटीओ के पास जाने की जरूरत नहीं है, पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। BH सीरीज के लिए मंत्रालय ने 10 लाख रुपये तक की लागत वाले वाहनों के लिए 8%, 10-20 लाख रुपये की लागत वाले वाहनों के लिए 10% और 20 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले वाहनों के लिए 12% रोड टैक्स तय किया गया है। डीजल वाहनों के लिए 2% एक्सट्रा और इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2% कम कर लगाया जाएगा।


BH सीरीज नंबर की गाड़ी रखने का क्या है फायदा


अगर आप इस समय नई गाड़ी खरीद रहे हैं तो आपको 15 साल का रोड टैक्स एडवांस जमा करना होता है। मान लीजिए इसी बीच आप का ट्रांसफर किसी दूसरे राज्य में ही जाता हैं तो आपको अपनी गाड़ी को वहां एक साल के अंदर दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होता है। उदाहरण के लिए कोई गाड़ी दो साल पुरानी है और किसी दूसरे राज्य में रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं तो दो फिर से 12 या 13 वर्षों के टैक्स का भुगतान करना होता है। साथ ही उन्हें उस राज्य से पहले से भुगतान की गई राशि का दावा करने की आवश्यकता है जहां वाहन मूल रूप से पंजीकृत था। वर्तमान समय में राज्यों में अलग- अलग रोड टैक्स पड़ते है। लेकिन अब इस नए नियम के बाद आपको दोबारा से रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी और आरटीओ ऑफिस के चक्कर भी नहीं काटने होंगे।आपके पास यदि BH सीरीज की गाड़ी होगा तो आप बिना किसी टेंशन के अपने ट्रांसफर के वक्त भी एक राज्य से दूसरे राज्य में या भारत के किसी भी कोने अपनी गाड़ी ले जा सकेंगे वो बिना किसी टेंशन के।

 

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