“योगी जी”रायबरेली स्वास्थ्य विभाग का गजब कारनामा, नसबन्दी महिलाओं के साथ भला ऐसा भी कोई करता हैं

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सलोन, रायबरेली।नसबंदी के बाद सलोन के समुदायिक स्वास्थ केंद्र सलोन  महिलाओं को बेड नसीब नहीं हुए। इतनी सर्दी में उन्हें जमीन पर स्टील की बेंच पर लिटाया गया।वही एक साथ दो महिलाओं एक साथ एक बेड पर लिटाया गया।दर्द से कराहती महिलाये तड़पती चिल्ललाती रही।लेकिन उनकी चीख पुकार को सुनने वाला कोई नही था।सोमवार को समुदायिक स्वास्थ केंद्र सलोन में दर्जनों ग्राम सभाओं की महिलाओं को आशा बहुओं द्वारा नशबंदी कराने के लिए लाया गया था।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह दस बजे से ब्लॉक स्तरीय नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया।

इसमें 33 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन कराया गया।और 31 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया।नशबंदी के बाद सीमा पत्नी रामचन्द्र राजापुर चकीबीबी,सीता पत्नी विजय रामीपुर,आशा पत्नी दीपक वीरभानपुर,प्रमिला पत्नी प्रकाश जुड़ावन का पुरवा,रामदेवी पत्नी राकेश कारहिया समेत दर्जनों महिलाओं को एक साथ एक बेड पर बगैर चादर और कम्बल मास्क के दो दो महिलाओं 

को एक साथ लिटाया गया।जबकि निर्मला देवी पत्नी हरिप्रसाद उसरी,सावित्री पत्नी अजय कुमार तिवारीपुर को स्टील की बेंच पर लिटाया गया।वही औनानीश निवासी राजमती पत्नी रामकिशोर को बैठक करने वाले पत्थर पर लिटाकर महिलाओ को तड़पता छोड़ डाक्टर मौके से निकल गए।इस दौरान किसी भी डाक्टर ने दुबारा महिलाओं की स्थित को देखने की जहमत नही उठाई।अव्यवस्थाओं को लेकर स्वास्थ्य महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

आशा बहुओं ने एक स्वर में कहा कि गलती अस्पताल के अधिकारी करते है।और जिल्लत हम आशा बहुओं को उठानी पड़ रही है।आशाओं का क्या कसूर है अब अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त बेड नही है तो उनकी क्या गलती है।प्रभारी चिकित्साधिकारी रूपेश जायसवाल ने बताया कि पर्याप्त बेड ना होने के चलते एक साथ दो महिलाओं को लिटाया गया है।जमीन पर कोई महिला को नही लिटाया गया है।

अनुज मौर्य/प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट

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