सृष्टि के आरंभ से कलियुग तक की कथा है श्रीमदभागवत – स्वामी आत्मानन्द सरस्वती

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सरेनी(रायबरेली)!श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन श्री श्री 108 आत्मानन्द सरस्वती जी महराज ने कहा कि श्रीमद भागवत श्रृष्टि के आरंभ से कलियुग तक की कथा है,जो अनेक जन्मों के पुण्य के बाद ही प्राप्त होती है।इसमें भगवान के अवतारों की कथाओं के जरिए जीवन में कर्म और अन्य शिक्षाओं को पिरोया गया है।तेजगांव स्थित शान्तनु उत्सव प्रांगण में आयोजित संगीतमय कथा के तीसरेे दिन पूर्व विधायक सुरेन्द्र बहादुर सिंह व उनकी पत्नी रम्भा सिंह सहित क्षेत्र के हजारों श्रोताओं ने कथा ज्ञान यज्ञ का लाभ उठाया।तिवारीपुर आश्रम के स्वामी श्री श्री 108 आत्मानन्द सरस्वती जी महराज ने कथा के तीसरे दिन कहा कि भागवत व्यवहारिक और गृहस्थ्य जीवन का ग्रंथ है।इसमें आम जीवन में उपयोगी कई बातों का गूढ़ कथाओं में समझाया गया है।श्री वेद व्यास के पुत्र शुकदेव को इस कथा का श्रेष्ठ कथाकार माना गया है।वे इस कथा का संपूर्ण मर्म जानते थे।उन्होंने ही इसे आमजनों में प्रचारित किया।तीसरे दिन उन्होने अवतार वर्णन, महाभारत युद्ध के पश्चात की कथा,परीक्षित श्राप व शुकदेव आगमन भगवान की सभी लीलाओं का संक्षिप्त वर्णन,अश्वत्थामा द्वारा द्रोपदी के पांच पुत्रों को मारना,अर्जुन और अश्वत्थामा का युद्ध,उत्तरा के गर्भ की रक्षा,भीष्म का प्राण त्याग, कृष्ण के महाप्रयाण के बाद अर्जुन का लौटना और पांडवों का स्वर्गारोहण सहित राजा परीक्षित की कहानी व सृष्टि के आरंभ से कलियुग तक की कथा को बहुत ही सुन्दर व सहज ढंग से समझाया।प्रमुख रूप से कलियुग से प्रभावित राजा परीक्षित की मुक्ति का प्रसंग हमें संदेश देता है कि जीवन का मुख्य लक्ष्य जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति पाना है।जीवन का जो समय बचा है उसे इस दिशा में ले जाएं।इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व विधायक सुरेन्द्र बहादुर सिंह व उनकी पत्नी रम्भा सिंह,ओमप्रकाश सर्राफ,कमला नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डा. पी.के. श्रीवास्तव,डा. अविनाश सिंह,डा. देवेन्द्र कुमार,डा. दुर्गेश प्रताप सिंह,शिवपूजन सिंह,करन सिंह, अनूप सिंह,स्वयम्बर सिंह, विक्रमजीत सिंह,राघवेन्द्र सूर्यवंशी सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा

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