थाना उदयपुर के एसआई राजेश कुमार के कारनामों से सुखराजी परिवार संकट में

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सांगीपुर, प्रतापगढ़।
जनपद के थाना उदयपुर क्षेत्रांतर्गत ग्राम रेवली (पूरे नक्कू) की निवासी सुखराजी व उसका परिवार, क्षेत्रीय इंस्पेक्टर *राजेश कुमार* के कारनामों से बड़े संकट के दौर से गुजर रहा है।
घटना दिनांक 23 अप्रैल 2022 की लगभग शाम को 4:00 बजे की है। भैंस चराते समय सुखराजी के लड़के शिव मूरत यादव को मुकदमेबाजी की रंजिश को लेकर गांव के मनोज यादव सुत बद्रीपाल व उसके दोनों बेटे रोहित व रोहन ने इंद्रकली पत्नी मनोज के ललकारने पर लाठी-डंडों से मारपीट कर घायल कर दिया। शोरगुल पर सुखराजी छुड़ाने दौड़ी तो उसे भी प्राणघातक हमला करके सिर तथा शरीर के अन्य भागों पर लाठी से मार कर गंभीर चोटें पहुंचाई । मनोज की लाठी से सुखराजी का सिर फट गया और वह खून से लथपथ हो गई। गांव के तमाम लोग मौके पर आए, घटना देखी तथा बीच बचाव किया तब मां बेटे की जान बची।
मां बेटे थाना उदयपुर पहुंचे तो पुलिस को भेजकर उनकी चोटों का डॉक्टरी मुआयना सांगीपुर अस्पताल में कराया गया। उस दिन हालत गंभीर होने के कारण रिपोर्ट नहीं लिखाई जा सकी।
दूसरे दिन 24 अप्रैल को रिपोर्ट लिखाने थाना पहुंची और प्रार्थना पत्र दिया तो यस आई *राजेश कुमार* ने कहा कि तुम घर जाओ, तुम्हारी रिपोर्ट लिख ली जाएगी। जब 25 अप्रैल को शिव मूरत यादव रिपोर्ट की नकल लेने के लिए थाना गया तो उसे लॉकअप में बंद कर दिया गया और अपनी बचत के लिए एसआई राजेश कुमार ने रोहित और रोहन को बुलाकर धारा 116/151 जाब्ता फौजदारी में चालान कर दिया गया। रविवार होने के नाते लालगंज तहसील में कच्ची जमानत हुई। शिव मूरत यादव 26 अप्रैल को जब थाना उदयपुर पहुंचा तो यस आई *राजेश कुमार* ने यह कहकर लौटा दिया कि तुम पहले तहसील लालगंज जाकर के अपनी पक्की जमानत करा आओ। गत 27 अप्रैल को लालगंज तहसील में पक्की जमानत होने के बाद जब शिव मूरत यादव थाना उदयपुर पहुंचा तो उसे एफ आई आर संख्या 0082/ 22 पर धारा 323, 504, 506 आईपीसी में अधूरी व मनगढ़ंत रिपोर्ट की नकल दी गई। रिपोर्ट पढ़ने से मालूम हुआ की सुखराजी द्वारा दिए गए प्रार्थनापत्र को बदलकर मुलजिमान मनोज आदि को बचाने के उद्देश्य से दूसरी रिपोर्ट लिख दी गई है। इस बात की शिकायत करने पर उसे थाने से डांट कर भगा दिया गया। यस आई *राजेश कुमार* के व्यवहार एवं एकपक्षीय कारगुजारी से स्पष्ट हो गया है कि वे मुलजिमान मनोज आदि से प्रभावित होकर उनके पक्ष में कार्यवाही कर रहे हैं।
दूसरे दिन 28 अप्रैल को सुखराजी ने जिला मुख्यालय पर जाकर पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी महोदय को घटना के संपूर्ण विवरण एवं डॉक्टरी मुआयना, मूल प्रार्थनापत्र की छायाप्रति व अन्य कागजात के साथ प्रार्थनापत्र दिया। पुलिस अधीक्षक एवं जिला अधिकारी महोदय ने स्पष्ट आदेश देकर कहा कि धारा 307 आईपीसी बढ़ाकर एफ आई आर संशोधित करते हुए मुलजिमान के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
इसकी जानकारी थाना उदयपुर में होने के बाद यस आई *राजेश कुमार* जो मुकदमे के आई ओ(तफ्तीशकर्ता) भी हैं, ग्राम रेवली पहुंचे और मां बेटे को भद्दी भद्दी गालियां देते हुए अन्य मुकदमों में फंसाने की धमकी दिया और कहा कि जब तक मैं थाना उदयपुर में हूं, तब तक मनोज आदि मुलजिमान को कोई जेल नहीं भेज पायेगा।
इस धमकी से स्पष्ट हो गया है कि *यस आई राजेश कुमार,* *मनोज आदि मुलजिमान से* *मिले हुए हैं और प्रभावित हैं।* इनके रहते सुखराजी को न्याय मिलने की आशा नहीं है। पीड़िता सुखराजी को संदेह है कि उसके परिवार को किसी फर्जी मुकदमे में भी फंसाया जा सकता है।
पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी महोदय से पीड़िता सुखराजी ने गुहार लगाई है कि हमारे परिवार की सुरक्षा की जाए तथा थाना उदयपुर में दर्ज F.I.R. संख्या 0082/22 में उसके मूल प्रार्थना पत्र के अनुसार धारा 307 आईपीसी एवं मुलजिमान की बढ़ोतरी करते हुए एसआई राजेश कुमार को बदल कर किसी दूसरे को आई ओ(तफ्तीशकर्ता) नियुक्त किया जाए। तभी उसे न्याय मिल पाएगा।

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