निजी अस्पतालों में पार्किंग नहीं मिली तो लाइसेंस होगा निरस्त, 22 दिन तक जिले में चलेगा सर्वे
मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या—–
अतिक्रमण और जाम को लेकर चल रहे जिला प्रशासन के अभियान के साथ -साथ अब स्वास्थ्य विभाग भी निजी अस्पतालों और पैथोलॉजी पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गया है।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे की तैयारी शुरू कर दी है। बिना पार्किंग के संचालित हो रहे अस्पतालों और पैथोलॉजी को चिह्नित करने के बाद उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। सर्वे का काम जनपद में 22 दिन तक चलेगा।
स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम जन शिकायतों के आधार पर उठाया है। विभाग का कहना है कि लगातार इस बात की शिकायत मिल रही थी कि अधिकतर निजी अस्पताल निर्धारित मानकों को नहीं पूरा कर रहे हैं।
विभाग की ओर से शुरू किए जाने वाले सर्वे के तहत अस्पतालों और पैथोलॉजी के लिए निर्धारित मानकों की भी पड़ताल करायेगा, जिसमें बायोमेडिकल वेस्ट, संसाधन और सुरक्षा के साथ साथ हाइजीन सिस्टम को भी देखा जायेगा।
विभाग द्वारा पहले ऐसे हास्पिटलों व पैथोलॉजी को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद पार्किंग और अन्य निर्धारित मानकों की व्यवस्था नहीं करने पर उसका लाइसेंस निरस्त करेगा। इसके लिए टीम का गठन किया है। टीम सर्वे करना शुरू कर दिया है।
160 अस्पताल और पैथोलॉजी, अधिकांश जगह पार्किंग नहीं
बताया जाता है जिले में करीब 160 हास्पिटल, अल्ट्रासाउंड और पैथॉलोजी सेंटर पंजीकृत हंै, लेकिन इनमें से विशेषकर अधिकांश हास्पिटल लाइसेंस के मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं। खासकर कहीं भी वाहन पार्किंग सुविधा अनिवार्य होने के बावजूद वहां पर गाड़ी खड़ा करने की जगह नहीं है।
ऐसे में अस्पताल पहुंचने वाले तीमारदार अपना वाहन सड़क पर खड़ा कर मरीज को लेकर ओपीडी में पहुंच रहे हैं, जिसके चलते अस्पतालों के बाहर आधी सड़क तक वाहनों का रेला खड़ा रहता है।
इन्हीं शिकायतों पर स्वास्थ्य प्रशासन बिना पार्किंग के संचालित हास्पिटलों को चिह्नित कर रहा है। टीम के रिपोर्ट पर हास्पिटल संचालक के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिसके तहत उनका लाइसेंस निरस्त्रीकरण और जुमार्ना भी शामिल किया गया है।
प्राधिकरण की भी मदद लेगा स्वास्थ्य विभाग
निजी अस्पतालों के कराये जाने वाले सर्वे में स्वास्थ्य विभाग अयोध्या विकास प्राधिकरण की भी मदद लेगा। सर्वे पूरा होने के बाद सूची प्राधिकरण को भेजी जायेगी। प्राधिकरण को बताना होगा कि संबंधित अस्पताल ने अपने नक्शे में पार्किंग की स्वीकृति ली है अथवा नहीं। इस संबंध में सीएमओ की ओर से प्राधिकरण को पत्र भी भेजा गया है, जिसमें विभाग की ओर से कराए जा रहे सर्वे का उल्लेख करते हुए सहयोग की अपेक्षा की है।
इन मानकों के तहत भी सर्वे किया जाएगा
पार्किंग के अतिरिक्त सर्वे में अस्पतालों में निर्धारित मानकों का भी चिह्निकरण किया जाएगा, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बायोमेडिकल वेस्ट और आंतरिक सुविधाएं शामिल हैं। मरीजों के तीमारदारों के बैठने, वार्डों में इंतजाम, आईसीयू के मानक आदि शामिल किए गए हैं। इसी तरह पैथोलॉजी में भी मानकों की पड़ताल होगी। यह भी देखा जायेगा कि अस्पताल के पास प्रशिक्षित स्टाफ है या नहीं। टीम में एक मुख्य अधिकारी व तीन कर्मी रहेंगे
स्वास्थ्य विभाग इस सर्वे को आगामी बीस दिनों में पूरा करने की तैयारी में है। इसके लिए आठ टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में चार सदस्य रहेंगे, जिनमें एक मुख्य अधिकारी और तीन कर्मी रहेंगे। इनमें एक टेक्नीकल जानकार भी शामिल किया गया है।
निजी अस्पताल में 24 घंटे मरीजों का आना-जाना रहता है। ऐसे में वाहन पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य है। बिना पार्किंग के हास्पिटल का पंजीकरण नहीं होता है। यदि बिना पार्किंग वाले हास्पिटल संचालकों ने तथ्यों को छिपाकर लाइसेंस जारी कराया है तो टीम की रिपोर्ट पर संबंधित हास्पिटल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अजय राजा , सीएमओ, अयोध्या
निजी अस्पतालों में पार्किंग नहीं मिली तो लाइसेंस होगा निरस्त
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