राजस्व निरीक्षक रामप्रताप पांडे द्वारा धारा 24 की पत्रावली उनके कार्यालय में उनकी उदासीनता के चलते फांक रही है धूल

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मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
बीकापुर तहसील में स्थित राजस्व निरीक्षक रामप्रताप पांडे द्वारा धारा 24 हदबरारी का मामला उनके कार्यालय मे2020से धुल फांक रही है। राजस्व निरीक्षक द्वारा पीड़ित राममूर्ति तिवारी निवासी ग्राम खौपुर का चक गाटा संख्या 430 एयार बंदोबस्त में दर्ज है। किंतु पीड़ित चकबंदी के बाद से आज तक मात्र 3:30 बीघा जमीन पर काबिज है। जबकि चकबंदी लगभग 1984 में हुई थी उसके बाद से विपक्षी गण उसे अपने कब्जे में लेकर आज तक उसका उपयोग करते चले आ रहे हैं। अंततोगत्वा मामले को हद बरारी के माध्यम से पैमाइश करा कर प्राची अपना करीब 15 बिस्वा जमीन अवैध कब्जे दाल से वापस लेना चाहता है तथा चकबंदी के बाद से आज तक प्रार्थी का हुए नुकसान का भरपाई करवाना चाहता है किंतु राजस्व निरीक्षक रामप्रताप पांडे की उदासीनता के चलते मामले का निस्तारण 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक नहीं हो पाया है सिर्फ उनके कार्यालय में जाने पर फाइल पर तारीख पर तारीख तारीख पर तारीख लगा दी जाती है जबकि कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी द्वारा विपक्षी गण राममूर्ति बनाम रविशंकर ग्राम कोदैला परगना पश्चिम राठ तहसील बीकापुर जनपद अयोध्या की पैमाइश आज तक नहीं की गई राजस्व निरीक्षक कार्यालय में 19 जून को पुनः पैमाइश करने की तारीख लगाई गई थी दिन भर पीड़ित इंतजार करता रहा लेकिन तहसील कार्यालय से कोई भी कर्मचारी तारीख लगाने के बाद दिखाई नहीं पड़ा
राजस्व निरीक्षक रामप्रताप पांडे कहते हैं कि जब तारीख लगी हो उसके दो-तीन दिन पहले आकर मुझसे मुलाकात कर लीजिए जबकि प्रार्थी राजस्व कोष में हद बरारी का जो खर्चा होता है उसे जमा कर चुका है। उप जिलाधिकारी बीकापुर महोदय द्वारा फाइल का निस्तारण करने के लिए राजस्व निरीक्षक बीकापुर रामप्रताप पांडे को सौंप दिया है लेकिन लगता है कि राम प्रताप पांडे बिना रिश्वत लिए पैमाइश नहीं कराना चाहते हैं क्योंकि पीड़ित व्यक्ति घूस देने में सक्षम नहीं है। 2020 के बाद की पत्रावली ओं का आयोजन निरीक्षण किया जाए तो शायद यही पत्रावली उनके कार्यालय में मिलेगी जिसकी आज तक पैमाइश तक नहीं की गई सिर्फ तारीख ही लगाई जाती रही है। घोस्ट लेनदेन के चक्कर में 2 वर्षों से पीड़ित का सिर का चक्कर लगा रहा है लेकिन राजस्व निरीक्षक अपनी आदतों के मुताबिक बिना पैसा लिए पीड़ित का कार्य करना ही नहीं चाहते। पीड़ित राममूर्ति तिवारी ने बताया कि 1984 में चकबंदी के बाद से प्रार्थी आज तक 15 बिस्वा जमीन जिसे पड़ोसी चकदारो ने कब्जा कर रखा है उनसे सांठगांठ करके राजस्व निरीक्षक मामले को निस्तारित करने के बजाए लटकाने के चक्कर में लगे हुए हैं। दूरभाष पर राजस्व निरीक्षक से बात करने पर उन्होंने बताया कि सोमवार या मंगलवार को उसमें तारीख लगवा कर मामले का पटाक्षेप करा दिया जाएगा लेकिन लगातार पड़ रही तारीख पर तारीख से पीड़ित को विश्वास नहीं हो रहा है कि बिना रुपए दिए राजस्व निरीक्षक द्वारा धारा 24 हद बरारी का निस्तारण राजस्व निरीक्षक द्वारा किया जाएगा। बीकापुर तहसील में अपनी जड़े जमा चुका भ्रष्टाचार का खामियाजा पीड़ित को भुगतना पड़ रहा है करीब 35 साल बीत जाने के बाद भी अपनी खेतोननी की जमीन पर कब्जा नहीं पा सका है। जिसकी भरपाई भी राजस्व निरीक्षक द्वारा करवानी चाहिए। उपरोक्त मामला एसडीएम बीकापुर के संज्ञान में तो है फिर भी कार्रवाई ढाक के तीन पात बनी हुई है जबकि पीड़ित का कहना है कि यदि अबकी बार लगी तारीख पर पैमाइश नहीं कराई जाती है तो वह मजबूर होकर जिलाधिकारी अयोध्या के संरक्षण में जाने के लिए बाध्य होगा तथा अपनी व्यथा से जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराएगा।

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