मांधाता, प्रतापगढ़। विकास खंड मांधाता के ग्राम पंचायत मिश्रपुर में सामुदायिक शौचालय सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर ग्रामीणों के सहयोग के लिए बनवाए गए शौचालय पर एक केयरटेकर की नियुक्ति की गई जिससे प्रतिमाह 6000 रुपये ग्राम पंचायत की निधि से मानदेय के रूप में भुगतान किया जा रहा है जो कि कागजों तक ही सीमित रह गया है।
जबकि सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा सामुदायिक शौचालय के लिए हर हफ्ते समीक्षा की जाती है जिसमें सामुदायिक शौचालय पंचायत भवन के लिए अधीनस्थों को जिले के अधिकारी आदेश निर्देश बताते रहते हैं लेकिन अधिकारियों के भी आदेश बेअसर दिखाई पड़ रहे हैं ग्रामीणों ने बनाता की ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय में गंदगी का अंबार लगा है।
इसका लिंटर भी सही से नहीं है ढाला गया है तथा फर्श टोटी आदि सब टूटे पड़े हैं ग्रामीणों ने बताया कि यह शौचालय कभी भी खोला नहीं जाता है इसलिए इसकी दुर्दशा हुई है जिसमें केयरटेकर कभी भी सामुदायिक शौचालय की तरफ नहीं आती हैं वह अपनी योगदान आख्या कागजों में भेजती रहती हैं उसी आख्या पर उनको मानदेय का भुगतान ग्राम पंचायत निधि से कर दिया जाता है।
वहीं दूसरी ओर ग्राम सभा में बनी पंचायत भवन का वर्षो से ताला ही नहीं खुला योगी मोदी जी के स्वच्छ भारत मिशन में पलीता लगा लगा रहे है विकासखंड मांधाता के जिम्मेदार अधिकारी हर घर शौचालय में लगने वाली सैकड़ों सीट कई वर्षो से पड़ी पंचायत भवन के कमरों में स्वच्छ भारत मिशन की खुली गई पोल वर्षों से नहीं खुला है मिश्रपुर पंचायत भवन तालों में लग गए हैं जंग तो वही प्रत्येक दरवाजों पर मकड़ियों ने बिछा रक्खा है अपना जाल आखिर ऐसे कैसे बनेगा उत्तर प्रदेश से उत्तम प्रदेश जब योगी जी के अधिकारी और कर्मचारी ही उनकी लुटिया डूबा ने में लगे हैं मिश्रपुर गांव में आज भी लोग शौच के लिए लोटा लेकर जाते हैं बाहर तो वहीं हर घर शौचालय में लगने वाली सीट लाखों रुपए की पड़ी पंचायत भवन में पंचायत भवन मे नियुक्त पंचायत सहायक पंचायत के उपकरण आदि के लिए सरकार दे रही है लाखों, लेकिन पंचायत भवन में नहीं देखने को मिल रहा है कुछ ग्रामीणों ने सुनाई अपनी दुख भरी कहानी कहा ग्राम प्रधान द्वारा नहीं दिया जा रहा है ध्यान जल निकासी से लेकर आने जाने रास्ते तक नहीं है नसीब गांव में नियुक्त सफाईकर्मी भी रहता है नदारद जिससे गांव में बीमारी फैलने का है खतरा ग्रामीणों का आरोप लूटने खाने में लगे हैं ग्राम प्रधान व ब्लाक के अधिकारी विकास कार्यों पर इनका नहीं है जरा भी ध्यान बड़ा सवाल ?
भ्रष्टाचार में लिप्त विकासखंड मांधाता का जिले की जिम्मेदार मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया कब करेंगी ध्यान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा का मिश्रपुर गांव आखिर इन सब का जिम्मेदार कौन है।
वह इस पूरे मामले में ग्राम प्रधानपति से दूरभाष के जरिए बात की गई तो उन्होंने बताया सामुदायिक शौचालय का पूरा पैसा पूर्व प्रधान द्वारा निकाल लिया गया है और इस कार्यकाल में मेरे द्वारा एक रुपए भी नहीं निकाला गया है (नोट : जब कि यह हकीकत नहीं है।
वर्तमान ग्राम प्रधान द्वारा भी 50 हजार रुपए सामुदायिक शौचालय के नाम पर निकाले गए हैं) पंचायत भवन के बारे में पूछने पर बताया कि अभी बजट का अभाव है आने पर बाउंड्री वाल करा कर संचालन किया जाएगा।