अयोध्या। निर्माणाधीन राम मंदिर की प्रगति और विकास के पीएम मोदी द्वारा स्थलीय अवलोकन के 42 घंटे बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मीडिया को परिसर में आमंत्रित कर राम मंदिर निर्माण की प्रगति दिखाई और विस्तार से जानकारी दी कि कैसे नींव और फाउंडेशन तैयार किया गया।
तथा अब वर्तमान में कैसे रामलला का गर्भगृह और प्रदक्षिणा पथ आकार ले रहा है। कार्यदाई संस्था के इंजीनियरों समेत ट्रस्ट पदाधिकारियों ने निर्माण लक्ष्य के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
ट्रस्ट के आमंत्रण पर 11:00 बजे विभिन्न मीडिया के प्रतिनिधि श्री राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे और सभी ने राम मंदिर निर्माण के प्रगति का स्थलीय अवलोकन किया।
इस दौरान मीडिया कर्मियों में सेल्फी लेने तथा फोटो खिंचवाने की भी होड़ रही। कार्यदाई संस्था लार्सन एंड टूब्रो के स्ट्रक्चरल इंजीनियर गिरीश सहस्त्रभोजनी तथा ट्रस्ट सदस्य डॉ अनिल मिश्र ने बताया कि प्लिंथ का कार्य पूरा होने के बाद राजस्थान के लाल बलुआ पत्थर से बनने वाले राम मंदिर के गर्भ गृह का निर्माण शुरू हो गया है।
कार्यशाला में तराश कर रखे गए पत्थरों से गर्भगृह और प्रदक्षिणा की दीवार बनाई जा रही है। अष्टकोणीय आकार में बनने वाले गर्भगृह में मकराना मार्बल सफेद संगमरमर के नक्काशीदार कुल 8 स्तंभ लगेंगे। दो स्तंभ खड़े हो गए हैं। जहां पर ताबे की पाइप लगी है।
वहीं पर दो ढाई फीट का सफेद संगमरमर का फाउंडेशन तैयार कर इस पर पत्थर पर बनने वाली 3 फीट ऊंची रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी। सबसे मजबूत माने जाने वाले कर्नाटक और आंध्र के ग्रेनाइट मार्बल से तैयार प्लिंथ के ऊपर अभी 2 फीट मोटी नक्काशीदार सफेद संगमरमर की फर्श बनाई जानी है।
गर्भग्रह का आकार 380 वर्ग फीट का होगा। सबसे आगे नृत्य मंडप और सबसे पीछे गुडी मंडप होगा। गुडी मंडप से ही दर्शन के लिए दरवाजा खुलेगा और श्रद्धालु भीतर जाकर रामलला का दर्शन कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर से 27 मीटर दूर बनने वाला परकोटा 14 फीट चौड़ा होगा। परकोटे में दक्षिण और उत्तर की तरफ जमीन के भीतर भी एक तल का निर्माण कराया जाएगा,जबकि पूरब और पश्चिम में जमीन के नीचे निर्माण नहीं होना है।
विष्णु पंचायतन की स्थापना के मद्देनजर गर्भगृह में विष्णु के स्वरूप रामलला विराजमान रहेंगे तो चारों कोनों पर गणेश, शिव, दुर्गा और सूर्य भगवान का मंदिर बनाया जाएगा। परकोटे में हनुमान जी भी विराजमान होंगे।
मंदिर के एक तरफ सीता रसोई का निर्माण होगा जहां अन्नपूर्णा माता विराजेगी। डॉ मिश्र ने बताया कि दिसंबर 2023 तक मंदिर के तीनों तल का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। निर्माण कार्य की शुरुआत से अब तक कुल कार्य का 40-45 फीसदी निर्माण कार्य संपन्न हो चुका है।
मनोज तिवारी