- दहेज कुप्रथा को मिटाने का दिया संदेश, खुद किया रुढ़िवादी परंपरा का बहिष्कार
- पिता ने की अपनी दो बेटियों की अनोखी शादी
- दहेज प्रथा खत्म करने की पहल लोगों से दिलाई गई शपथ
- आडंबरों से दूर दो जोड़ों की अनोखी शादी, समाज के लिए बना संदेश
वाराणसी। राजातालाब (08/11/2022), उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के राजातालाब थाना क्षेत्र में दो युवक और दो युवती की शादी बौद्ध रीति रिवाज से सम्राट अशोक बुद्ध विहार द्वारा बगैर दहेज के स्थानीय सम्पूर्णा लान में सादगीपूर्ण करायी गयी.
हमारे देश में दहेज प्रथा के नाम पर ना जाने कितनी बेटियां हर रोज भेट चढ़ती हैं. सरकार के तरफ से कितनी योजना बनाई गई है. ताकि बेटियों को इस कुप्रथा से बचाया जा सके लेकिन फिर भी बेटियां हर रोज बलि चढ़ती हैं. वर्तमान में चलन में चल रहे विवाह संस्कार आडंबर और विषमताओं से भरा है।
खासकर कन्या पक्ष को नीचा दिखाया जाता है. इसके विपरीत बुद्धिस्ट तरीके से होने वाला विवाह संस्कार समानता पर आधारित होता है और इसमें आडंबर के लिए कोई जगह नहीं होती है. एक पिता ने अपनी बेटी की ऐसी शादी की है जो पुरे समाज के लिए एक सीख बन गया है. समाज को दहेज मुक्त बनाने के लिए उन्होंने अपनी बेटी की शादी के जरिए संदेश दिया है.
शादी में अतिथियों एवं रिश्तेदारों द्वारा वर-वधू को पूरा अंगवस्त्र का सेट व उपहार दिया गया. इस अवसर पर यहां उपस्थित लोगों ने भी अपना सहयोग देकर एक मिसाल कायम की. यहाँ बिना दहेज की अनोखी शादी देखने को मिली. जहां खुले आसमान के नीचे वर-वधू ने एक दूसरे को वरमाला पहनाया व संविधान की सपथ भी लिया।
दहेज प्रथा को मिटाने का संदेश देते हुए दो जोड़ो ने शादी करते हुए दोनों ने तथागत गौतम बुद्ध और बाबा साहब एवं महापुरुषों को साक्षी मानकर बगैर बैंड बाजे के दहेज रहित अनोखा विवाह संपन्न किया.
स्मरणीय है कि सारनाथ थाना के सथवां गाँव निवासी ऋषि पटेल की सात पुत्रियों में चौथी पुत्री सुनैना की शादी बड़ागांव के नारायणपुर अन्तर्गत कनीयर गाँव निवासी अशोक पटेल के पुत्र संदीप पटेल व पाँचवीं पुत्री स्वरांजली पटेल की शादी रोहनियां के करनाडांडी गाँव निवासी भईयालाल के पुत्र आनंद कुमार पटेल के साथ 08 नवंबर को दिन में राजातालाब स्थित सम्पूर्णा लान में करायी गयी. साथ ही एक दूसरे के गले में वरमाला डालकर जीवन भर साथ निभाने का वादा किया।
सम्राट अशोक बौद्ध विहार के अशोक भंते विवाह का प्रतिज्ञापन ने कराया जबकि अध्यक्षता अपना दल कमेरावादी मंडल अध्यक्ष उमेश चन्द्र मौर्य ने की. विवाह आयोजन का उद्घाटन वरिष्ठ नेता अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने किया. संचालन सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता व विजय नारायण ने किया।
इस अवसर पर बीएचयू के प्रोफ़ेसर गोपाल नाथ, विजय नारायण वर्मा, अनिल मौर्य, चंद्रबली पटेल, कस्तूरबा सेवा समिति के सचिव विनोद कुमार, एल्बिनो फ़ाउंडेशन की डायरेक्टर रीना पटेल, अपना दल कमेरावादी किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पटेल पूर्व प्रधान, सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, सम्पूर्णा लान के प्रमुख ओमप्रकाश सिंह पटेल, पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल, हरसोस ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ओमप्रकाश पटेल, आराजीलाईन ब्लाक के प्रधान संघ के अध्यक्ष मुकेश प्रधान, बाल किसुन पटेल, जिला पंचायत सदस्य पुष्पांजलि पटेल, सरदार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरएस पटेल, पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य राजकुमार पटेल, प्रधान संघ ज़िलाध्यक्ष अशोक पटेल, कोरौता ग्राम प्रधान दिनेश पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष अपना दल कमेरावादी महेंद्र मौर्य, अपना दल कमेरावादी के मंडल अध्यक्ष उमेश चन्द्र मौर्य, ज़िलाध्यक्ष दीलिप सिंह पटेल, राधेश्याम, धनंजय पटेल, विरेंद्र पटेल, गगन यादव, पंकज सेठ आदि ने वर-वधू को मंगलकामना दी.
कार्यक्रम में महिलाओं ने गीत संगीत के माध्यम से समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुरीतियों को हटाने पर बल दिया.
शादी में न तो किसी ब्राह्मण की जरूरत पड़ी और न मंत्रोच्चार की. केवल दोनों वर-वधू को शपथ, माल्यार्पण कराया गया और अंत में मंगलकामना की गयी. कम खर्च, कम समय और कम परेशानी शादी की मुख्य विशेषता रही. शादी के बाद वर-वधू, गवाह और विवाह का शपथ कराने वाले का हस्ताक्षरयुक्त शपथ पत्र सह विवाह प्रमाण पत्र भी वर वधू को दिया गया.
इस दौरान पूरे आयोजन के संयोजक अपना दल कमेरावादी किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पटेल पूर्व प्रधान ने बताया कि तमाम कुरूतियों, रूढ़िवादी परंपराओं समाज को जकड़े हुए है. उन कुरूतियों, रूढ़ीवादी परंपराओं को तोड़ते हुए आज बिल्कुल कम खर्चे में विवाह कर मितव्ययिता का एक उदाहरण पेश किया गया है. जिसने समाज पर एक संदेश दिया कि इस तरीके से भी विवाह संपन्न हो सकता है. कहा कि यह विवाह सादगी पूर्ण तरीके से दहेज रहित विवाह आयोजित हुआ.
मौजूदा लोगों ने बताया कि ऐसी कई शादियां हुई जो दहेज के खातिर बेटियां अपनी जान गवा दी. दहेज प्रथा कानूनन अपराध है. दहेज लेना पाप है और इसे अब पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहिए. क्योंकि दिन प्रतिदिन दहेज प्रथा का बेटियां शिकार होती जा रही हैं. इसके लिए बिटिया कहीं जला दी जा रही है तो फांसी के फंदे से लटका दी जा रही है या घर से बाहर निकाल दी जा रही है. वही इस शादी में मौजूद सैकड़ों लोगों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया.
शादी में दूल्हे पक्ष ने कोई दहेज स्वीकार नहीं किया दहेज रहित शादी के नारे वाले पोस्टर और महापुरुषों के बैनर जगह जगह लगाए गए हैं. यही नहीं शादी समारोह में आने वाले लोगों से भी इस बात की शपथ दिलाई गई की वे अपनी बेटियों की शादी दहेज मुक्त तरीके से करेंगे.
-राजकुमार गुप्ता