रायबरेली : जिलाधिकारी ने कोरोना से निपटने के लिए हर स्तर पर मजबूत टीम तैनात कर रखी है और उस टीम को मॉनिटर करने के लिए दिन रात मेहनत कर रही हैं। उनकी इतनी मेहनत के बावजूद उनके अधीनस्थों की आंख में धूल झोंक कर हजारों की संख्या में जारी किए गए पास मुसीबत बन सकते हैं। सामाजिक स्टेटस दिखाने के चक्कर मे कुछ लंच पैकेट या ऐसे ही अन्य कामो को दिखा कर लोगो ने पास जारी कर लिए हैं। इनमे कुछ को छोड़कर ज्यादातर ऐसे लोग है जिनका समाज मे जनसेवा से कभी कोई सरोकार ही नही रहा। अलग अलग जनसेवा के नाम पर जारी हुए इन पास से जनता की सेवा के नाम पर खुलेआम घूमने की आज़ादी कोरोना के लिए ट्रांसमिशन का जरिया बन सकती है।
क्या करते हैं पास धारक
सबसे पहले ये किसी पहुंच वाले के माध्यम से अधिकारियों के पास अपना समाजसेवा करने का एप्लिकेशन देते हैं उसके बाद वहां से परमिशन करवा कर झुंड के रूप में इकट्ठे होकर थोड़े से लंच पैकेट सजा कर पहुंच जाते है कुछ फोटो क्लिक करवाने। उसके बाद ये पास धारक ज्यादातर अपने निजी दोस्तो या परिवार के साथ सैरसपाटे के लिए दिन दोपहर निकल पड़ते हैं। जिनको समाज मे ये दिखाना रहता है कि मेरा रौब ऐसा है कि कोई नही रोक सकता। मतलब कुल मिलाकर वीआईपी वाली फीलिंग के लिए ही समाजसेवा का स्वांग रचा जा रहा है। ऐसे मे परेशानी सिर्फ उन्हें होती है जो वाकई में लोगो के लिए काम करना चाहते हैं। इनके पास की समीक्षा की जाय तो काफी ऐसे निकलेंगे जिन्होंने सामान लाने वाले लोडर दिखा कर लग्जरी गाड़ियों में पास चिपका रखे हैं।
कैसे फैल सकता है संक्रमण
दरअसल अचानक लॉक डाउन के बाद झुंडों में लोग बड़े शहरों से घरों की तरफ़ कूंच कर गए थे। जिनको लेकर मीडिया सहित तमाम सरकार विरोधी लोगो ने खूब हल्ला मचाया था। इसके बाद तमाम सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं ने इनकी देखभाल और खाने पीने की व्यवस्था के लिए अनुमति मांगी थी। जिसके बाद प्रशासन ने इनको पास जारी कर दिए थे। यही नही किराने की दुकान और सब्जी वालो ने भी बाकायदा पास की मांग की थी जो काफी मात्रा में जारी किए गए। बाहर से आने वाले इन्ही लोगो में जमाती भी शामिल रहे होंगे। इनकी व्यवस्था बिना सुरक्षा किट के इन पास धारकों ने की। इन्हें जगह जगह रोक कर खाना खिलाया गया। अब ये लोग कम्युनिटी में फैल चुके हैं। ऐसे में इनका रोज निकलना किसी खतरे की घण्टी से कम नही है।
कैसे हो सकती है रोकथाम
सूत्रों के अनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए लाकडाउन के अनुपालन में प्रशासन को तत्काल ऐसे पास कैंसिल कर देने चाहिए जो लोग कोई काम नही कर रहे हैं व उनपर कार्यवाही भी करनी चाहिए, केवल सिर्फ जरूरत के लोगो के लिए गाइड लाइन तय करते हुए नए पास जारी करने चाहिए। अन्य जनपदों की तरह इन्हें विशेष कलर या फॉन्ट में ही जारी किया जाना चाहिए। जिससे इसकी डुप्लीकेसी भी न हो। जनपद में मौजूद मीडिया को भी कवरेज हेतु सभी संस्थानों के छायाकारों के नाम मांग कर सिर्फ उनके ही वाहन पास बनाये जाने चाहिए। इस के बाद फर्जी जारी पासो के लिए नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय करनी पड़ेगी। लापरवाही कर सैरसपाटे को निकले लोगो पर मुकदमा लिखने और जेल भेजने से ही लाकडाउन का सही अनुपालन सुनिश्चित हो पायेगा।