6 लोगों की आंखों की रोशनी गई, सदर अस्पताल में चल रहा इलाज़
सीवान, बिहार। शराबबंदी वाले बिहार में एक बार फिर ज़हरीली शराब ने कहर मचाया है। अब सीवान में ज़हरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई। 12 से अधिक लोगों की हालत गंभीर है। इनमें 6 लोगों की आंखों की रोशनी ही चली गई। सीवान सदर अस्पताल में सात लोगों का इलाज चल रहा है।
बता दें कि जिले के लकड़ी नवीगंज ओपी थाना क्षेत्र के बाला और भोपतपुर गांव में लोगों ने ज़हरीली शराब का सेवन किया था। रविवार शाम को अचानक एक-एक करके मरीज सदर अस्पताल आने लगे। देर शाम अस्पताल पहुंचते वक्त एक व्यक्ति की मौत हो गई। रात में दो और लोगों ने दम तोड़ दिया।
स्थानीय लोगों ने ज़हरीली शराब पीने की बात कही है। प्रशासन ने अभी कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। परिजन को मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी गई है। पूरे गांव में अफरातफरी का माहौल कायम हो गया है।
सीवान सदर अस्पताल में जहरीली शराब से पीड़ितों का इलाज चल रहा है। मीडिया को रोकने के लिए रविवार रात अस्पताल के गेट पर ताला लगा दिया गया।
इस संबंध में डीएम अमित कुमार पांडे का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। आखिर इतने लोगों की मौत क्यों हो रही है और तबीयत क्यों खराब है, यह जांच का विषय है।
घटना के बाद सीवान सदर अस्पताल और बाला और भोतपुर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। मृतक के परिजन से बात करने पर रोक लगा दी गई है। परिजन कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
खबर तो ये है कि जिनके परिजन शराब से दुनिया छोड़ चले, उन्हें अब अफसर धमका रहे है कि शराब से मौत बताई तो केस करेंगे। ऐसा सुना गया है कि वो कहते हें कि कहोगे कि ठंड से मौत हुई तो 4 लाख का मुआवजा मिलेगा।
एक गुमनाम ने बताया कि ऐसा कहा गया कि पोस्टमॉर्टम की क्या ज़रूरत? अगर शराब से मौत निकली तब तो और फंसोगी ही न। चुपचाप अंतिम संस्कार कर दो। कोई पूछे तो ठंड से मौत बता देना। 4 लाख मुआवजा भी मिल जाएगा। शराब से मौत में तो न मुआवजा मिलेगा, न कोई मदद। उल्टा केस अलग हो जाएगई।
गौर करें तो बिहार के सारण (छपरा) में जहरीली शराब से 53 मौतों हुई थीं। अब सीवान में भी मौतों का सिलसिला शुरू हो गया है।