कहा- उनके मारे जाने का अफसोस, वो टैलेंटेड, पर गलतियां कीं
Wagner Yevgeny Prigozhin: वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन की मौत पर पहली बार बोले पुतिन: कहा- उनके मारे जाने का अफसोस, वो टैलेंटेड थे, कुछ गलतियां जरूर की थीं।
येवगेनी प्रिगोजिन ने जून 2023 में राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ विद्रोह किया था। बाद में वो बेलारूस चले गए थे।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जून में अपने खिलाफ बगावत करने वाले वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन की मौत पर अफसोस जताया है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा- प्रिगोजिन टैलेंटेड शख्स थे। मुझे उनकी क्रैश में मौत का अफसोस है। हां, ये ज़रूर है कि उन्होंने कुछ गलतियां की थीं।
प्रिगोजिन की बुधवार देर रात एक प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी। वो प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के चीफ थे। क्रैश में 10 लोग मारे गए थे।
यह एयरक्राफ्ट मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहा था। प्रिगोजिन के अलावा इस प्लेन में प्राइवेट आर्मी के को-फाउंडर और पूर्व रूसी स्पेशल फोर्स कमांडर दिमित्री उत्किन भी सवार थे। वैगनर के और भी अधिकारी विमान में मौजूद थे।
अमेरिका- वैगनर चीफ की मौत की खबर पर बाइडेन ने कहा- मुझे नहीं पता है कि क्या हुआ है, पर मैं इस खबर से सरप्राइज्ड नहीं हूं। रूस में शायद ही ऐसा कुछ होता है, जिसके पीछे पुतिन का हाथ न हो। हालांकि, मैं इस मामले में इतना नहीं जानता हूं कि कुछ जवाब दे सकता हूं।
यूक्रेन- राष्ट्रपति जेलेंस्की के सहयोगी मिखाइलो पोडल्यक ने कहा- ये इस बात का सबूत है कि जो क्रेमलिन का वफादार नहीं होता, उसका क्या हश्र होता है। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले पुतिन से सिग्नल दिया है कि अगर कोई उनके खिलाफ गया तो उसको मार दिया जाएगा।
पोलैंड- विदेश मंत्री ज्बिग्निऊ राउ ने कहा- जो भी पुतिन की सत्ता के लिए खतरा पैदा करता है, उसकी कभी नैचुरल डेथ नहीं होती। जो भी राजनीतिक लेवल पर पुतिन के लिए चुनौती बनते हैं उनकी कभी भी प्राकृतिक मौत नहीं होती।
प्रिगोजिन ने जून में पुतिन के खिलाफ बगावत की थी और इसके बाद वो बेलारूस चले गए थे। लिहाजा, यह साफ नहीं है कि वो रूस कब और कैसे पहुंचे। एक रूसी अफसर ने स्काई न्यूज से कहा- हमने क्रैश की जांच शुरू कर दी है। सिर्फ दो दिन पहले प्रिगोजिन का एक वीडियो भी सामने आया था।
प्रिगोजिन का जन्म 1 जून 1961 को सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ था। पुतिन की तरह येवगेनी भी सेंट पीटर्सबर्ग में पले-बढ़े। रूसी कोर्ट के डॉक्यूमेंट के मुताबिक, येवगेनी को 1981 में मारपीट, डकैती और धोखाधड़ी में दोषी ठहराया गया था और 13 साल की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि, सोवियत यूनियन के पतन के 9 साल बाद येवगेनी को रिहा कर दिया गया। येवगेनी ने जेल से बाहर आने के बाद बिजनेस करने का फैसला किया। सबसे पहले हॉट डॉग का स्टॉल लगाना शुरू किया। इसके बाद रेस्तरां खोला।
येवगेनी का रेस्तरां जल्द ही काफी पॉपुलर हो गया। यह सेंट पीटर्सबर्ग का सबसे फैशनेबल डाइनिंग स्पॉट बन गया। पॉपुलैरिटी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पुतिन खुद वर्ल्ड लीडर्स के साथ इस रेस्तरां में जाते थे। पुतिन ने 2001 में फ्रांस के राष्ट्रपति जैक शिराक और उनकी पत्नी और 2002 में US राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की मेजबानी की।
प्राइवेट आर्मी क्या होती है?
इस सब्जेक्ट पर रिसर्च करने वाली JNU की अनुराधा ओइनम के मुताबिक, प्राइवेट आर्मी किसी सरकारी सिस्टम का हिस्सा नहीं होती है। दूसरी निजी कंपनियों की तरह इनका मकसद सुरक्षा देकर या जंग लड़कर लाभ कमाना होता है।