Laxmi Bai Atmraksha Prashikshan: उत्तर प्रदेश के 46 हजार उच्च प्राथमिक परिषदीय विद्यालयों में कक्षा-6 से कक्षा-8 तक पंजीकृत सभी छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम बेसिक शिक्षा विभाग की समग्र शिक्षा परियोजना के अंतर्गत से दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्रामीण विकास संस्थान के जनपदीय एवं क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्रों पर परवान चढ़ रहा है।
कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम चरण में लगभग 11 हजार व्यायाम शिक्षकों एवं अनुदेशकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। यही प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत संबंधित विद्यालयों में पंजीकृत छात्राओं को प्रशिक्षित करेंगे।
प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश के विभिन्न जनपदों यथा अयोध्या, बलिया, बांदा , बस्ती, मिर्जापुर, आजमगढ़ , देवरिया, फतेहपुर , गाजीपुर, गोरखपुर, हरदोई, जौनपुर, लखीमपुर-खीरी, मउ, पीलीभीत, प्रयागराज, रायबरेली, बहराईच, सीतापुर, वाराणसी में जारी है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मूल्यांकन एवं अनुश्रवण के आशय से प्रशिक्षक एवं प्रशिक्षुओं की आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ऑनलाईन उपस्थिति सुनिश्चित कराए जाने के साथ-साथ सम्पूर्ण प्रशिक्षण की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। इस छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक शनिवार सायंकाल मोबाइल ऐप आधारित प्रशिक्षुओं के दक्षता परीक्षण के उद्देश्य से आंकलन किया जा रहा है। प्रशिक्षार्थियों को ऑनलाइन सफलता पूर्वक आत्मरक्षा प्रशिक्षण सम्पन्नता प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई गई है।
इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित व्यायाम शिक्षकों एवं अनुदेशकों द्वारा उनके संबंद्ध विद्यालयों में पंजीकृत छात्राओं को प्रतिदिन एक घंटे की अवधि में प्रशिक्षित किए जाने के साथ-साथ नियमित रूप से उनकी प्रतिभागिता सुनिश्चित कराए जाने के उद्देश्य से प्रशिक्षक को उपलब्ध कराए गए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मोबाइल ऐप के माध्यम से छात्राओं की ऑनलाईन उपस्थिति प्राप्त किए जाने का दायित्व प्रशिक्षकों का होगा। इसके साथ ही इन छात्राओं का मासिक आधार पर भी मूल्यांकन होगा एवं मूल्यांकन के आधार पर छात्राओं को ऑनलाइन प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है।
पूरे प्रदेश में प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण चल रहा है। इसमें ग्यारह हजार खेल शिक्षकों और अनुदेशकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो अपने अपने विद्यालय में जाकर कक्षा छह से आठ की छात्राओं को नियमित रूप से एक घंटा प्रशिक्षित करेंगे। जिससे छात्राओं में आत्मबल का विकास हो सके और वह स्वयं की अपनी सहेलियों और बहनों की रक्षा भी कर सकें।