अवैध असलहा फैक्ट्री का पुलिस ने किया भंडाफोड़, दो अभियुक्तो को मौके से किया गिरफ्तार

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महोबा , पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता निर्देशन में पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जनपद में अपराध की रोकथाम हेतु जीरो टालरेंस नीति के तहत अपराधियों के विरुद्ध की जा रही ताबडतोड़ कार्यवाही को लेकर सत्यम, अपर पुलिस अधीक्षक एवं रामप्रवेश राय, क्षेत्राधिकारी नगर के निकट पर्यवेक्षण में गठित हुई थाना कोतवाली नगर पुलिस टीम को बुधवार को एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई। जब उपेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम द्वारा थाना कोतवाली नगर क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम दिसरापुर में अवैध रुप से संचालित शस्त्र फैक्ट्री की सूचना पर दबिश दी गयी, दबिश के दौरान पुलिस टीम ने अभियुक्त ऊदल यादव पुत्र जगन्नाथ उम्र 60 वर्ष निवासी ग्राम बिलवई हालपता दिसरापुर थाना कोतवाली नगर और नन्दू उर्फ नन्दराम पुत्र राजाराम विश्वकर्मा उम्र 58 वर्ष निवासी ग्राम बिलवई हालपता ग्राम दिसरापुर थाना कोतवाली नगर जो अवैध शस्त्रों का निर्माण कर रहे थे, जिनको नियमानुसार गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तगणों के कब्जे से भारी मात्रा में निर्मित एवम अर्द्धनिर्मित अवैध शस्त्र बरामद हुए। जिसमे 7 देशी तमंचा 315 बोर, 1 अद्धी 12 बोर, 4 जिन्दा कारतूस 12 बोर, 2 जिन्दा कारतूस 315 बोर, 12 बोर के अधबने तमंचे, तमंचा बनाने के फ्रेम, अवैश शस्त्र बनाने के उपकरण शामिल है। उल्लेखनीय है कि अभियुक्त नन्दू उर्फ नन्दराम के विरुद्ध पूर्व में भी अवैध शस्त्रों के निर्माण, जुआ आदि अपराधों में कई अभियोग पंजीकृत हैं। अभियुक्तों द्वारा अपराध से अर्जित सम्पत्ति के सम्बन्ध में सूचना एवम साक्ष्य संकलन कर जब्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी। अवैध शस्त्र फैक्ट्री की बरामदगी से जनपद में अवैध असलहों के प्रयोग में प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा। अभियुक्त नन्दू उर्फ नन्दराम एक शातिर अपराधी है जिसने पूंछतांछ में पुलिस को बताया कि वह खेती करता है तथा अपने जीविकोपार्जन के लिए अवैध शस्त्रों का निर्माण कर उनको अच्छे दामों में बेच देता था। वह पूर्व में भी अवैध शस्त्र की फैक्ट्री व अवैध शस्त्र के अभियोग में जेल जा चुका है। इसके अतिरिक्त अभियुक्त उदल ने बताया कि खेती करते है तथा नन्दू उर्फ नन्दराम के साथ अवैध शस्त्र बनाने का भी काम कुछ दिनों से कर रहे थे तथा क्षेत्र मैं भय व्याप्त करने के इरादे से अवैध शस्त्रों को बनाकर आर्थिक एवं भौतिक लाभ के लिए बनाकर बेचते है।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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