श्रीनगर रामलीला तीसरा दिन पुष्प वाटिका लीला का हुआ मंचन

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“देख सीय शोभा सुख पावा।।
हृदय सराहत बचनु न आवा ।।
जनु बिरंचि सब निज निपुनाई ।।
बिरचि विश्व के प्रगटि दिखाई ।।

श्री नवयुवक रामलीला मंडल श्रीनगर द्वारा तृतीय दिवस की पुष्प वाटिका की लीला का मंचन किया गया,जिसमें अहिल्या उद्धार, गंगा अवतरण ,संगम तट पर पंडो की के क्रिया कलाप के साथ पुष्प वाटिका का मंचन किया गया।
विश्वामित्र मुनि के साथ प्रभु राम व लक्ष्मण जी का जनकपुर में आगमन हो चुका है। सीता मां , पार्वती की पूजा के लिए फूल चुन रहीं हैं। इस बीच भगवान का वहां आगमन होता है। वाटिका में प्रवेश से पहले भगवान के सामने माली आ खड़े होते हैं। फिर शुरु होता है आस्था व मनुहार का लोक संवाद और विदूषक की भूमिका पप्पू विश्वकर्मा एवम सूत्रधार की भूमिका में अनिल शुक्ला, नरेंद्र गंगेले जी रहे, व्यास रतीश चंद रावत , गणेश जी और मारीच का अभिनय सुबोध गंगेले, सुबाहु का अभिनय अरविंद तिवारी ,सरस्वती का अभिनय सौम्या तिवारी, श्री राम का अभिनय पीयूष तिवारी, लक्ष्मण का अभिनय देवांश तिवारी, विश्वमित्र का अभिनय अनूप त्रिवेदी, दशरथ का अभिनय भूपेंद्र रिछारिया जी, दलाल का अभिनय पप्पू विश्वकर्मा, जमादार का अभिनय प्यारे लाल श्रीवास आदि ने किया।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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