उप निदेशक सूचना अयोध्या धाम/प्रभारी मा0 मुख्यमंत्री मीडिया सेंटर लोक भवन लखनऊ डॉ0 मुरली धर सिंह ’शास्त्री’ ने 6 अप्रैल 2024 को सत्ताधारी पार्टी के स्थापना दिवस पर वी.आर.एस. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए सूचना निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से किया अनुरोध अपने निजी स्रोतों से मा0 मोदी जी, मा0 योगी जी व मा अमित शाह जी आदि तथा भारतीय संस्कृति के विचारों का प्रचार प्रसार करने का लिया संकल्प।
राजनीतिक उद्देश्य नहीं केवल भगवान की रचनाओं का सेवा करना है।
इसके अलावा माताओं, महात्माओं, पत्रकारों एवं समाज के अंतिम वर्ग के लोगों के उत्थान हेतु भारतीय संविधान के तहत निःशुल्क विधिक सेवा देने का भी संकल्प दोहराया है, सेवा का मुख्य केंद्र लखनऊ, प्रयागराज, अयोध्या, वृंदावन, बोधगया, चित्रकूट, भोपाल, नासिक, पुणे आदि होगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय एवं प्रदेश की राजनीति में भारतीय सेवा एवं राज्य सेवा के अनेक अधिकारियों/कर्मचारियों ने वी.आर.एस. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद सेवाएं प्रदान कर रहे हैं तथा वह मंत्रिमंडल सहित अनेक प्रभावशाली पदों पर भी तैनात हैं। इसी कड़ी में उप निदेशक सूचना डॉ0 मुरली धर सिंह ’शास्त्री’ ने भारत माता की सेवा करने का संकल्प दोहराया है। श्री सिंह के पूर्वज मूल रूप से जनौरा/जनकौरा जनपद अयोध्या क्षेत्र के थे। सन् 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व बिहार के बाबू कुँवर सिंह की रियासत-जगदीशपुर ’भोजपुर’ में जाकर उनकी सेना की टुकड़ी में काम किया जिस पर बाबू कुवर सिंह ने जगदीशपुर के पास ही ईश्वरपुर गांव की रियासत दी और वहीं इनका परिवार रहने लगा। इनके परिवार के ज्यादातर लोग सेना में हैं तथा श्री मुरली धर सिंह ’शास्त्री’ की स्वर्गीय पिता भी सेना में कैप्टन थे। श्री सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा जोधपुर एवं भोजपुर (आरा) में की एवं जनवरी 1980 में उच्च विद्यालय के छात्र परिषद के अध्यक्ष निर्वाचित हुए तथा ये विज्ञान के विद्यार्थी रहे। अगस्त 1980 में राजर्षि उदय प्रताप सिंह ’जूदेव’ द्वारा स्थापित वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज (यू.पी. कॉलेज) में प्रवेश लिया और विज्ञान वर्ग से शिक्षा जारी रखते हुए नवंबर 1981 में छात्र संघ महामंत्री निर्वाचित हुए। वर्ष 1982 में विज्ञान से इंटर पास करने के बाद इलाहाबाद के प्रतिष्ठित इविंग क्रिश्चियन कॉलेज (ECC) में स्नातक विज्ञान में दाखिला लिया और अक्टूबर 1983 में इसके छात्र संघ के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए। पुनः 1984 में विज्ञान से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष 1985 के जुलाई में मानव विज्ञान ’एन्थ्रोपोलोजी’ के प्रथम बैच में प्रवेश लिया। इस बैच में कुल 11 छात्र थे, जो सभी सम्मानित पदों पर तैनात हैं। इसी वर्ष नवंबर 1985 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय एंथ्रोपोलॉजिकल सोसाइटी के अध्यक्ष रहे तथा इस वर्ष इलाहाबाद छात्र संघ के दक्षिणी डेलीगेसी क्षेत्र के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इन्होंने मानव विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। श्री सिंह कुछ दिनों के लिए देश के पूर्व मा0 प्रधानमंत्री श्री चंद्रशेखर जी के साथ रहे तथा उनके निर्देश पर मध्य प्रदेश के पूर्व मा0 मुख्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह के साथ चले गए और वही से लेखन आदि के क्षेत्र में प्रवेश किया। उन्होंने वहीं के भोपाल विश्वविद्यालय से विधि स्नातक ’’एल.एल.बी.’’ भी किया और सन् 1990 के शुरुआत की दशक में वाराणसी चले आए तथा प्राच्य विद्या एवं भाषा में शोध किया। वर्ष 1990 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जन्मदिवस 25 सितंबर 1990 को केंद्रीय सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय में लेखाकार/ऑडिटर से नौकरी प्रारंभ की तथा बाद में राज्य सरकार के सूचना विभाग आ गए जो वर्तमान में अयोध्या धाम के उप निदेशक एवं मा0 मुख्यमंत्री मीडिया सेंटर लोक भवन लखनऊ के प्रभारी हैं। इन्होंने स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति के लिए शासन से अनुरोध किया, क्योंकि उनके परिवार के बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री तथा नगर पालिका के अध्यक्ष हैं तथा स्वयं इन पर भगवान श्री राम एवं हनुमान जी की कृपा है। इनकी तैनाती उत्तर प्रदेश के वाराणसी, मथुरा, प्रयागराज, गोरखपुर, बस्ती, चित्रकूट, बुंदेलखंड, हरिद्वार कुम्भ मेला, प्रयाग कुम्भ मेला एवं आज का सबसे प्रसिद्ध एवं चर्चित स्थान अयोध्या धाम में रही है तथा उनके द्वारा सातों दीपोत्सव के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई गई है तथा आगामी आयोजन में भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से पूर्व तक प्रमुख भूमिका निभाई जाएगी। डा0 सिंह वर्ष 2005 से 2015 तक विधानसभा न्याय आदि के सूचना अधिकारी रहे है तथा कानून एवं प्रेस मामलों के जानकार है। श्री सिंह ने व्यक्तिगत रूप से बताया है कि मैं मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दमोदर दास मोदी जी, मा0 गृहमंत्री श्री अमित शाह जी एवं उत्तर प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी आदि प्रसिद्ध नेताओं से प्रभावित हूं तथा मेरा कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। मेरा उद्देश्य समाज के निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति को ऊपर लाने का प्रयास करने तथा भारत की सनातन संस्कृति, गौतम बुद्ध की कारूणिक संस्कृति व भगवान महावीर की अहिंसक संस्कृति आदि को निस्वार्थ भाव से बढ़ावा देना है। मेरे द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का यह निर्णय दिनांक 06 दिसम्बर 2023 को भारत रत्न से सम्मानित तथा भारतीय संविधान के रचयिता डॉ बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की पुण्यतिथि तथा गुलामी की प्रतीक बाबरी मस्जिद की शहादत दिवस पर लिया गया है। डॉ0 सिंह के छात्र जीवन से अभी तक महात्माओं में युगपुरुष परमानंद जी, श्री रामकृष्ण परमहंस जी, श्री विवेकानंद जी, मंदिर आन्दोलन के पूज्य श्री राम चन्द्र परमहंस जी, महंत अवैद्यनाथ जी, महंत जयराम दास जी, महंत परमहंस दास जी, श्री अशोक सिंघल जी, प्रो0 राजेन्द्र सिंह ’रज्जू भैया’ जी, श्री मोहन भागवत जी, श्री प्रभुपाद जी, श्री बालमुकुंद जी, श्री प्रभु दास जी, पायलट बाबा आदि अनेक प्रमुख है। राजनेताओं में मा0 अटल बिहारी वाजपेयी जी, श्री चन्द्र शेखर जी, श्री आडवाणी जी, श्री वी.पी. सिंह जी, श्री मदन लाल खुराना जी, श्रीमती विजय राजे सिंधिया जी, उमा भारती दीदी, श्री नारायण दत्त तिवारी जी, मा0 योगी आदित्यनाथ जी, श्री मुलायम सिंह यादव जी, श्री लालू प्रसाद यादव जी, श्री नीतीश कुमार जी, श्री राजीव गॉधी जी, श्री शिवराज सिंह चौहान जी, स्व0 मोतीलाल वोरा, पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक, वर्तमान राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव, दिग्विजय सिंह, केंद्रीय मंत्री श्री माधवराव सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर आदि प्रमुख है तथा न्यायिक क्षेत्र में भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के अलावा न्यायमूर्ति श्री एस.एन. वेंकटचलैया, न्यायमूर्ति के.एन. सिंह, न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह, न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह, न्यायमूर्ति वाई0पी0 चंद्रचूर्ण, न्यायमूर्ति डी0वाई0 चंद्रचूर्ण, न्यायमूर्ति डी0पी0एस0 चौहान, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सुरेन्द्र सिंह, श्री गिरीश सिंह, वी0के0 चौहान आदि प्रमुख है। डा0 सिंह मुख्य रूप से विधिक मामलों एवं प्रेस मामलों के जानकार है तथा वर्ष 2005 से वर्ष 2014 विधानसभा एवं न्याय विभाग के सूचना अधिकारी भी रहे है तथा वर्तमान में विधानसभा प्रेस रूम अगस्त 2021 से प्रभावी है तथा धार्मिक एवं मानव अधिकार के मूल्यों पर लेख लिखते रहते है तथा अनेक पुस्तक लिख चुके है, जिसमें प्रमुख रूप से अयोध्या ओरछा धाम, काशी धाम यर्थाथ गाथा प्रमुख है। आज मानवाधिकार दिवस है इस अवसर पर सभी को बधाई।
रिपोर्ट- मनोज कुमार तिवारी
भारतीय संस्कृति के विचारों का प्रचार प्रसार करने का लिया संकल्प
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