महोबा , पनवाड़ी विकासखंड के बैंदो गांव से 31 वर्ष पूर्व भागे कमलेश तिवारी की अचानक घर वापसी से दोनों बड़े भाई और गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्हे थाना लाया गया और पुलिस को जानकारी दी। थाना प्रभारी निरीक्षक एके मिश्रा व हल्का इंचार्ज एसआई केपी मिश्रा ने परिजनों के हवाले किया। बता दें कि बैदो निवासी स्व मोतीलाल तिवारी के तीन पुत्र है। सबसे बड़े पुत्र संतोष,अशोक व सबसे छोटे पुत्र कमलेश तिवारी है। दोनो बड़े पुत्र शादीशुदा है तथा सबसे छोटे अविवाहित थे। वर्ष 1992 में कमलेश घर से भाग गए थे। परिजनों ने खोजबीन की थी कहीं पता न चलने पर थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उधर बेटे के गायब होने पर माता मान व पिता मोतीलाल चिंतित रहते थे और इसी सदमा में वर्ष 2008 में मां की मौत हो गई थी तथा पिता की वर्ष 2018 में हुई थी। इसके बाद भी गायब कमलेश घर नहीं आया और न कोई जानकारी हुई। गत दिवस बुजुर्ग हालत में घर के दरवाजे पर कमलेश को देखकर दोनो भाई संतोष,अशोक पहचान नहीं पाए। आवाज सुनते ही दोनों भाई गले से लिपट गए और थाने लाकर जानकारी दी। पुलिस ने अधिकृत रूप से परिजनों को सुपुर्द कर दिया। इस दौरान पत्रकार महेश नायक,मनोज तिवारी, मानिक, राजू,बबलू आदि ने गर्मजोशी से इस्तकबाल कर घर ले गए। घर वापसी की खबर से नाते रिश्तेदारों व गांव वालों में खुशी की लहर है।
रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल
वर्ष 1992 में गायब हुए कमलेश की घर वापसी से फूले नहीं समाए परिजन और ग्रामीण
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