भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओ का वर्णन सुन भावविभोर हो गए श्रोता

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महोबा , कुलपहाड़ के श्री श्री 1008 मेला श्रीकिशोर जी महाराज के प्रांगण में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में श्रीधाम वृंदावन से पधारे कथा व्यास रसिया बाबा के कृपा पात्र पंडित श्रीकृष्ण महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओ का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने यशोदा मैया को एक अवतार में 24 अवतारों के दर्शन कराए हैं। नंद यशोदा के अनेक जन्मों की साधना से ठाकुर जी उन्हें पुत्र रूप में प्राप्त हुए हैं। भगवान ने ब्रज में इंद्र की पूजा रखवा कर गोवर्धन पर्वत की पूजा कराई इसमें भगवान ने संदेश दिया है कि पर्वत तालाब वृक्ष यह हमारे साक्षात भगवान हैं इनकी पूजा व संरक्षण करना चाहिए।

गीत के माध्यम से कहा कि मे तो गोवर्धन को जाऊं री सखी न माने मेरो मनवा ठाकुर जी ने चीर हरण लीला की है भगवान ने कालिकाल को दर्शाते हुए गोपियों को मर्यादित रहने का संदेश दिया है भगवान ने जब चीरहरण की लीला कि उस वक्त उनकी आयु 5:30 वर्ष थी भगवान ने शरद पूर्णिमा की रात में जीवात्मा से परमात्मा मिलने का मनोरथ गोपियों का पूर्ण किया है रास पंचाधयायी की कथा श्रवण कराई जिसमें बताया कि भगवान भोले शंकर गोपी का रूप धारण कर रासलीला में पहुंचे जिससे उनका एक नाम गोपेश्वर महादेव है।

आपने कृष्ण के वियोग में गोपियों के बिरह की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण ने संदेश दिया है कि मुझे पाना है तो अभिमान को त्यागना होगा भगवान श्रीकृष्ण का वृंदावन छोड़कर मथुरा गमन करना,राजा कंस का वध करना संदीपनी मुनि के आश्रम में जाकर शिक्षा ग्रहण कर सुदामा से मित्रता का विस्तृत वर्णन किया। भगवान श्रीकृष्ण मथुरा छोड़कर द्वारका में जाकर द्वारकाधीश बने। कथा के अंत में रुक्मणी मंगल की कथा सुनाते हुए कथा का विश्राम हुआ।

श्रीमद्भागवत कथा में युगल भक्ति पथ व श्री हरकिशोर जू महाराज परिवार बेलाताल के सदस्य चौधरी मैथिली शरण अग्रवाल सीताराम अग्रवाल बबलू अग्रवाल जागेश्वर प्रसाद सोनी कंचन सुधीर सोनी शिक्षक महेंद्र गुप्ता बृजेश विश्वारी मुन्ना अग्रवाल दिलीप अग्रवाल अशोक अग्रवाल पत्रकार सुरेंद्र बहादुर सक्सेना राकेश अरजरिया मेला संरक्षक सहित भारी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे। जिसमें उन्होंने श्रीमद्भागवत की कथा का अमृत रूपी रसपान किया। कथा में मां बाघबिराजन धाम मां पीतांबरा मां अन्नपूर्णा मंदिर की पुजारी पंडित नरेंद्र दुबे, अमित चतुर्वेदी ने वेद मन्त्रों का पाठ किया।

रिपोर्ट-  राकेश कुमार अग्रवाल

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