धूं-धूं कर जला रावण असत्य पर सत्य की हुई जीत

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डलमऊ रायबरेली – माँ तपेश्वरी सेवा समिति द्वारा संचालित मखदूमपुर मेला महोत्सव दशहरा के 5 दिन बाद पूर्णिमा के दिन रावण दहन व मेला का आयोजन किया जाता हैं। जिसमे बड़ी ही संख्या में क्षेत्रीय लोग अपनी अपनी दुकाने लेकर व भारी संख्या में महिलाएं व पुरुष और बच्चे मेला देखने पहुँचते हैं वही असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा के पांच दिन बाद रावण दहन पारंपरिक तरीके एवं हर्षोल्लास के साथ मखदूमपुर गाव में  मनाया जाता है । वही मुख्य अतिथि के रूप में पहुँची श्री फाउंडेशन की सुधा द्विवेदी का मेला कमेटी कार्यकर्ताओ के द्वारा फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। इस बार डलमऊ क्षेत्र के मखदूमपुर गाव में 17 अक्दूबर दिन ब्रहस्पतिवार को रामलीला का आयोजन किया गया था।

जहां पर श्रीराम-लक्ष्मण ने वानर सेना के साथ मिलकर भव्य झांकी व शोभा यात्रा निकाली गई  इसके बाद राम रावण युद्व का मंचन दिखाया गया जिसमें श्रीराम ने रावण की नाभि में बाण मारते ही दशानन का अहंकार धू-धूकर जल गया। भगवान राम और रावण के युद्ध को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगो की भीड़ इकट्ठा हो गई। वही रावण दहन के साथ ही पूरे परिसर में जय श्रीराम के नारो से गुंजायमान हो गया। मेले में विभिन्न प्रकार की दुकाने सजाई गई थी बच्चों ने झूले का लुप्त उठाया तो महिलाओं ने जरूरतमंद की चीजे भी खरीदी और जलेबी,चाऊमीन,बर्गर, चाट- पानी के बतासे खाकर खूब आनंद लिया । मेला कमेटी द्वारा बताया गया कि प्रतिवर्ष दशहरा के बाद पूर्णिमा को मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग पहुचते है।

रिपोर्ट- विमल मौर्य

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