350 से अधिक कामगार, भोजन, विश्राम, परीक्षण के बाद घर वापसी

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राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड़ (महोबा)। महानगरों व बडे नगरों से लाॅकडाउन के कारण घर वापसी को मजबूर कामगारों के लिए कुलपहाड़ का आश्रय स्थल घर जैसा दूसरा घर हो गया है। जहां घर वापसी कर रहे मजदूरों की आवभगत के बाद उन्हें उनके गृह जनपद रवाना कर दिया जाता है।

गौरतलब है कि नगर के जनतन्त्र इंटर कालेज में देश के महानगरों से अपने घर वापस लौट रहे 357 मजदूरों को रोककर उप जिलाधिकारी कुलपहाड़ के द्वारा उन्हें खाना खिला कर एवं उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है।

सड़क पर पैदल चल रहे और अन्य प्रांतों से बस चालको ने महोबा बार्डर व झांसी जनपद के मऊरानीपुर में छोड़ जाने के बाद पैदल आ रहे मजदूरों को वाहन भेजकर उनको कुलपहाड़ के आश्रय स्थल में रोककर स्नान व थकान मिटाने के बाद खाना खिलाया जाता है। इन कामगारों को घर पहुंचने पर खाने-पीने की कोई परेशानी न हो इसके लिए इन्हें एक राशन किट भी साथ में दी जा रही है।

वापस लौटे कामगारों में चित्रकूट के राजा भैया, कुलदीप, आनंद कुमार, अहमदाबाद के नरोडा से आए चित्रकूट के देवीदीन, राजकुमार, शरीफ, जगतराज, गुरुग्राम से बांदा से राजेश, रिंकू पटेल, अशोक, तेलंगाना से आए बांदा के लालदिमान, जयसिंह, राजाराम, लालसिंह, लल्लू, हरियाणा के हिसार से लौटे दुलारा एवं पिपरी के देर शाम दो सैकड़ा मजदूरों में जो कुछ पैदल चलकर आए व कुछ वाहनों से आए उन्हें गोंदी चौराहे पर रोककर जनतंत्र इंटर कॉलेज में बनाए गए आश्रय स्थल में रोककर खाना खिलाया गया एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ अम्बरीश राजपूत के द्वारा आश्रय स्थल में थर्मल स्कैनिंग की गई गया। इसके पश्चात राजस्व प्रशासन के द्वारा आए हुए मजदूरों को एक परिवार को यह राशन किट दे कर के उनके गृह जनपद एवं महोबा जिला की निवासियों को उनके गांव बस एवं अन्य साधनों से भिजवाया गया। इस मौके पर नायब तहसीलदार राधेश्याम गौड़, राजस्व निरीक्षक अशोक विश्वकर्मा, लेखपाल हुकुम सिंह, प्रदीप लेखपाल, नीरज लेखपाल, हीरालाल लेखपाल, दीपक यादव होमगार्ड श्याम यादव आदि का सहयोग सराहनीय रहा।

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