कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटी अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना को ह्यूमन ट्रायल के फेज 1 में बेहतर नतीजे मिले हैं.
आठ हेल्दी लोगों में इस वैक्सीन कैंडिडेट से संक्रमण के खिलाफ इम्यून रिस्पॉन्स पाया गया और ये सुरक्षित पाई गई है.
ह्यूमन ट्रायल का अगला फेज जल्द शुरू किया जाएगा, जिसमें और ज्यादा लोगों पर इस वैक्सीन कैंडिडेट का असर परखा जाएगा.
कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर ह्यूमन ट्रायल शुरू करने वाली मॉडर्ना पहली कंपनी है और वैक्सीन डेवलपमेंट में जो तरीका इस्तेमाल किया जा रहा है, वो भी एक तरह से नया है, इसमें वैक्सीन बनाने के लिए वायरस के जेनेटिक मटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसे mRNA (मैसेंजर RNA) कहते हैं.
अब तक वैक्सीन तैयार करने के लिए ये तरीका प्रयोग में नहीं लाया गया है.
अमेरिका का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) और बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉडर्ना मिलकर इस वैक्सीन के डेवलपमेंट में लगे हैं.
इस वैक्सीन के लिए SARS और MERS जैसे दूसरे कोरोनावायरस से जुड़ी स्टडीज का इस्तेमाल किया गया, जिन्हें एनिमल मॉडल में बेहतर पाया गया था.
कंपनी को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से फास्ट-ट्रैक मंजूरी मिली और अब इसका वैक्सीन कैंडिडेट ह्यूमन ट्रायल के फेज 2 टेस्टिंग के लिए तैयार है.
इस फेज में करीब 600 स्वस्थ लोगों को शामिल कर उन पर वैक्सीन कैंडिडेट का असर देखा जाएगा.
कोरोनावायरस डिजीज-2019 (COVID-19) से जूझ रही पूरी दुनिया ये आस लगाए है कि जल्द से जल्द SARS-CoV-2 नाम के इस वायरस से इम्युन करने के लिए कोई वैक्सीन तैयार हो सके.
दुनिया भर के वैज्ञानिक कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने में लगे हैं. कोरोना वायरस की वैक्सीन जल्दी तैयार हो, इसके लिए अमेरिका, चीन, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, भारत और भी कई देश तेजी से काम कर रहे हैं.
दुर्गेश सिंह रिपोर्ट