अमेरिका ने जारी की 23 देशों की सूची, चीनी केमिकल्स से बन रहे नशीले पदार्थ
Drug Smuggling: नशीले पदार्थ की तस्करी और इनके प्रोडक्शन करने वाले देशों की अमेरिका ने लिस्ट जारी कर दी है। इसमें इंडिया यानी भारत का नाम भी शामिल है। सूची में कुल 23 देशों के नाम हैं।
अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लिस्ट में किसी देश का नाम होने का मतलब ये नहीं है कि वहां की सरकार नशे का कारोबार रोकने के लिए कदम नहीं उठा रही है। इसका ये भी मतलब नहीं है कि अमेरिकी सरकार के साथ इन देशों की सरकार सहयोग नहीं कर रही।
लिस्ट में भारत के अलावा अफगानिस्तान, म्यांमार, पाकिस्तान, चीन, पनामा, पेरू, मेक्सिको, जमाइका, होंडुरस, नकारगुआ, इक्वाडोर, बहामास, हैती जैसे मुल्क शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही सरकारें नशे के कारोबार को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं, लेकिन जियोग्राफिकल, व्यावसायिक और आर्थिक वजहों से इन देशों में नशे का उत्पादन और कारोबार धड़ल्ले से जारी हो रहा है।
इस सूची में उन देशों को भी शामिल किया गया है, जो अवैध तरीके से नशे का सामान बनाने के लिए बना रहे कैमिकल्स बनाते हैं। इस तरह के कैमिकल्स की वजह से बन रहे नशे के उत्पाद अमेरिका पर भी असर डालते हैं। रिपोर्ट में चीन को नशीले पदार्थों के लिए ज़रूरी कैमिकल्स का मेन सोर्स बताया गया।
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और प्रिवेंशन के डेटा के मुताबिक, अमेरिका में 2022 में ड्रग के ओवरडोज से करीब 1.09 लाख लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में नुकसान पहुंचाने वाले ज्यादातर ड्रग्स इसके बॉर्डर के पार प्रोड्यूस होते हैं। इसको कंट्रोल करने के लिए अमेरिका कई अंतरराष्ट्रीय पार्टनर्स और देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
दरअसल, अमेरिका में नशीली दवाओं के ओवरडोज से होने वाली ज्यादातर मौतों में अवैध सिंथेटिक दवाएं और खास तौर पर फेंटेनाइल जैसे सिंथेटिक ओपिओइड शामिल हैं। ऐसे ड्रग्स को कुछ कैमिकल्स की मदद से कहीं भी बनाया जा सकता है। इसके अलावा कई क्रिमिनल ऑर्गेनाइजेशन्स पेड़ों से खतरनाक ड्रग्स का उत्पादन करते हैं।
इस बार अफगानिस्तान को उन देशों की सूची से बाहर रखा गया है जो ड्रग्स पर लगाम लगाने में नाकामयाब रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पिछले एक साल में ओपियम पॉपी और अवैध नशीले पदार्थों की खेती बहुत हद तक कम हुई है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि नशीली दवाओं की तस्करी और इसकी सप्लाई चेन पर रोक लगाने के लिए देश को अभी और कोशिशें करने की ज़रूरत है।