दक्षिण कोरिया की राजधानी में Halloween celebration के दौरान 151 की लोगों की मौत हो गई। वहीं काफी संख्या में लोग घायल हो गए। और बहुत से लोग लापता हैं।
बता दें कि Halloween Celebration के दौरान दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में भगदड़ के दौरान 151 लोगों ने दम तोड़ दिया। ये हादसा उस वक्त हुआ जब हैलोवीन फेस्टिवल मनाने पहुंचे लोगों के बीच भगदड़ मच गई और जश्न, मातमी चीखों में बदल गया। लोग एक दूसरे को रौंदकर भागने लगे। जो नहीं भाग सके, उनकी सांसे उखड़ गईं। इस हादसे में 151 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 19 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। जबकि सैकड़ों घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
गौर करें तो शनिवार की शाम सियोल के इटावन इलाके के प्रसिद्ध नाइट स्पॉट पर ये लोग नो मास्क हैलोवीन Halloween celebration मनाने के लिए जुटे थे। कोविड विस्फोट के बाद ये पहला हैलोवीन फेस्टिवल था, लिहाजा भीड़ भी खूब उमड़ी. संकरी सी सड़क पर इतने लोग जमा हो गए कि रास्ता ही ब्लॉक हो गया। दोनों तरफ से लोग इधर उधर भाग रहे थे।
वहां का मंजर ऐसा था कि इंसान एक दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ रहे थे। हजारों की भीड़ सैकड़ों लोगों को रौंद रही थी। महिलाएं और बच्चों के लिए भगदड़ में खुद को संभालना भारी हो रहा था।
रेस्क्यू टीम, फायर फाइटर्स, लोकल पुलिस और एंबुलेंस के साथ मेडिकल स्टॉफ जब तक यहां पहुंचते। तब तक 151 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
हालात ऐसे थे कि सियोल की सड़कों पर अचेत अवस्था में सैकड़ों लोग गिरे पड़े थे। इनकी सांसें उखड़ रही थीं … और मेडिकल स्टॉफ और डॉक्टर्स की टीम इन्हें कॉर्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन यानी CPR दे रहे थे। साउथ कोरिया की मीडिया में दावा किया गया है कि हैलोवीन फेस्ट हादसे में मरने वाले 50 लोग यानी करीब एक तिहाई मौतों की वजह कार्डियक अरेस्ट था। इसका मतलब है कि ये लोग भगदड़ में ऐसा फंसे कि सांस लेना मुश्किल हो गया। हार्ट की फंक्शनिंग अचानक रुक गई। दिमाग में खून की सप्लाई डिस्टर्ब हो गई और ये लोग मूर्छित हो कर गिर पड़े। मरने वालों में अधिकतर की उम्र 20-30 के बीच के बताए जा रहे हैं।
बताया जाता है कि Halloween celebration में भारी भीड़ की मौजूदगी के बीच ही किसी सेलेब्रिटी के पहुंचने और एक स्टोर पर आकर्षक ऑफर की अफवाह फैली जिसके कारण इस हादसे की आशंका जताई जा रही है।
गौर करें तो हैलोवीन फेस्टिवल दुनिया के कई शहरों में मनाया जाता है। खासतौर ये फेस्टिवल पश्चिमी देश मनाते हैं, लेकिन अब दुनिया के बाकी हिस्सों में भी इसे मानाया जाने लगा है।