चुनाव आयोग IIT मद्रास के साथ मिलकर एक ऐसी नई प्रौद्योगिकी विकसित करने पर काम कर रहा है, जिसमें अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर किसी अन्य शहर या राज्य में होने पर भी मतदाता मतदान कर पाएगा. चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रॉजेक्ट फिलहाल शोध और विकास के चरण में है और इसका मकसद ‘प्रोटोटाइप’ विकसित करना है.
आयोग की इस भावी पहल से मतदान प्रतिशत बढ़ने और चुनाव संपन्न कराने के खर्च में कमी आने के भी आसार हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने हाल ही में इस व्यवस्था के बारे में खुलासा किया था कि आईआईटी मद्रास के सहयोग से विकसित की जा रही मतदान की इस पद्धति के तहत किसी भी राज्य में पंजीकृत मतदाता किसी अन्य राज्य से मतदान कर सकेगा.
वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने स्पष्ट किया कि मतदाता को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पहले से तय वक्त पर नियत स्थल पर पहुंचना होगा. इस व्यवस्था का मतलब घर से मतदान करना नहीं है. घर से मतदान के लिए और वक्त व उन्नत प्रौद्योगिकी की जरूरत है.
सक्सेना ने कहा, ‘‘मानिए कि लोकसभा चुनाव है और चेन्नई का मतदाता दिल्ली में है. तो मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र जाने के बजाय या मतदान नहीं करने के बजाय वह चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए स्थान पर खास समय पर आ सकता है और अपना वोट दे सकता है. ऐसे मतदाताओं को यह सुविधा लेने के लिए अपने चुनाव अधिकारी के यहां पहले से आवेदन देना होगा.’’