भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अखिल भारतीय चेक ट्रांजेक्शन सिस्टम (CTS) पेश किया है. सीटीएस सितंबर 2020 से पूरे देश में लागू हो जाएगा. इस सिस्टम के जरिए अब चेक का क्लीयरेंस सुरक्षित और तेजी से होगा. लोगों को अब चेक से लेनदेन करने में आसानी होगी. दरअसल अभी तक ये सिस्टम केवल कुछ बड़े शहरों में ही चलन में था.
आरबीआई ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि सीटीएस देश के कुछ बड़े शहरों में काफी सफलता से इस्तेमाल हो रहा है. जिससे उत्साहित होकर अब इसे पूरे देश में लागू करने का फैसला किया गया है. आरबीआई ने कहा कि सीटीएस चेक के जरिए एक सुरक्षित लेनदेन की प्रक्रिया है. सितंबर 2020 से इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा.
डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम
मनीटैप के सीईओ बाला पार्थसार्थी ने कहा कि डिजिटल इंडिया के दिशा में सीटीएस एक बड़ा कदम है. एनईएफटी, आईएमपीएस और आरटीजीएस ने सीटीएस के द्वारा ही बैंकिंग सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन किया है.
भारत में चेक द्वारा लेनदेन बड़े पैमाने पर होता है. ऐसे में ग्राहकों को सीटीएस से बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी. उन्होंने कहा कि सीटीएस न केवल ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण आसान प्रक्रिया है, बल्कि बैंकों के लिए भी यह सस्ता और सुरक्षित माध्यम है.
क्या है चेक ट्रंकेशन सिस्टम ?
सीटीएस ग्राहकों द्वारा दिए गए चेक के भुगतान की प्रक्रिया है. बैंक इसके द्वारा चेक की एक इलेक्ट्रॉनिक इमेज के द्वारा भुगतान किया जाता है. इसके साथ ही मैगनेटिक लिंक की पहचान बैंड, जारी करने की डेट जैसी जानकारी को चेक किया जाता है.
आरबीआई के अनुसार, सीटीएस के जरिए प्रत्यक्ष जांच से होने वाला लागत और समय की बचत होती है. जिससे ग्राहकों को चेक से लेनदेन में कम समय लगता है.