बीएसए ने बीईओ की रिपोर्ट पर डिजिटलाइजेशन न करने वाले तीन प्रधानाध्यापक का रोक दिया है वेतन
शिक्षक समन्वय समिति ने गुरुवार को बीएसए को ज्ञापन देकर की वेतन बहाली मांग
रायबरेली –बिना किसी सुविधा के बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों से जबरन कराने न रहा हैं। शिक्षकों की तरफ से न किए जाने पर अब प्रधानाध्यापक का वेतन रोककर विभाग की तरफ से भय का माहौल बनाया जा रहा है। विभाग ने तीन प्रधानाध्यापक का वेतन रोककर भय का माहौल पैदा करने की कोशिश की। शिक्षकों का वेतन रोके जाने के सभी शिक्षक संगठन ने धरना प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए गुरुवार को बीएसए को ज्ञापन सौंपा। बीएसए को ज्ञापन देते हुए शिक्षक समन्वय समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर 10 मार्च तक वेतन नहीं बहाल किया जाता है तो फिर 11 मार्च से बीएसए कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
बीएसए को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक संघ की शिक्षक समन्वय समिति ने कहा कि हम लोगों को विभाग की तरफ से कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिला सरंक्षक समर बहादुर सिंह और जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने बताया कि कोई भी सुविधा उपलब्ध कराए बिना ही विभाग के अधिकारी काम करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि डिजिटलाइजेशन के लिए जरूरी सिम कार्ड व डेटा दिये बिना ही जबरदस्ती विभाग के अधिकारी डिजिटलाइजेशन करने को कह रहे हैं। उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अब खण्ड शिक्षाधिकारी ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों और प्रधानाध्यापक पर दबाब बना रहे हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह ने बताया की ऊंचाहार ब्लॉक में परिषदीय विद्यालय नरवापर, मदारीगंज और पूरे पर्वत के प्रधानाध्यापक का वेतन बीईओ की रिपोर्ट पर रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि इंचार्ज प्रधानाध्यापक और प्रधानाध्यापक का वेतन रोककर जबरदस्ती भय का माहौल बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने बताया कि प्रधानाध्यापक अंजू गुप्ता, राखी कुशवाहा, रामचेत का वेतन अगर विभाग की तरफ से 10 मार्च तक बहाल नहीं किया जाता है तो फिर शिक्षकों की तरफ से प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हम लोगों की तरफ से लगातार विभाग से सुविधा राहत के लिए शिक्षकहित में मांगी जा रही है, लेकिन मांग को पूरा नहीं किया गया है। अब विभाग जबरदस्ती ही हम लोगों पर दबाव बनाकर शिक्षकों में भय का माहौल पैदा किया का रहा है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट