वाशिंगटन, एजेंसी। एलियंस और यूएफओ को लेकर हमेशा बातें होती रहती हैं। तमाम तरह के कयास लगाए जाते हैं, लेकिन आज तक किसी के भी दावे की पुष्टि नहीं हुई है। सालों से आसमान में उड़न तश्तरियां देखे जाने का दावा किया जाता रहा है। मगर इस बार अमेरिका ने खुद यूएफओ देखे जाने का दावा किया है।
दरअसल, पेंटागन ने एक वीडियो जारी करके यह दावा किया गया है। अमेरिका के रक्षा विभाग ने इस वीडियो में उड़न तश्तरियों (यूएफओ: अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट) के देखे जाने का दावा किया है। बताया जा रहा है कि इस वीडियो को अमेरिकी नौसेना के पायलटों ने बनाया है। पेंटागन ने इस वीडियो में उड़ती नजर आ रही चीजों को यूएफओ करार दिया है। हालांकि यह वीडियो साल 2004 और 2015 के बताए जा रहे हैं। वीडियो नए नहीं बल्कि पुराने हैं और इनमें से दो को न्यूयॉर्क टाइम्स ने 2017 में अपनी खबर में प्रकाशित किया था। 2019 में पेंटागन ने इसकी पुष्टि की और पूरी तरह से इन्हें रिव्यू करने के बाद जारी किया।
अमेरिकी रक्षा विभाग (डीओडी) ने कहा है कि उसने तीनों वीडियो को जारी करने को अधिकृत किया है। इसमें से एक नवंबर 2004 में कैद किया गया था और दो अन्य जनवरी 2015 के हैं। इन्हें 2007 और 2017 में अनधिकृत तरीके से रिलीज किया गया था। रक्षा विभाग ने बयान में कहा कि डीओडी इस वीडियो को लोगों का यह भ्रम साफ करने के लिए जारी कर रहा है कि जो फुटेज सर्कुलेट हो रहा है वह सच है या नहीं और क्या ऐसे और वीडियो हैं या नहीं। वीडियो में देखी गई हवाई वस्तु “अज्ञात” की श्रेणी में ही है।”
बयान में आगे कहा गया है कि गहन समीक्षा के बाद विभाग ने यह तय किया कि इन वीडियो के अधिकृत रिलीज से किसी तरह की संवेदनशील जानकारी या सिस्टम बाहर नहीं आएगा और अज्ञात हवाई वस्तु के सैन्य वायु क्षेत्र में घुसपैठ की जांच पर असर नहीं होगा।
इन तीन वीडियो की सच्चाई की पुष्टि पेंटागन ने 2019 में की थी। पायलट्स ने 2004 में ट्रेनिंग के दौरान इस 40 फीट लंबे अज्ञात वस्तु को देखा जो पानी से 50 फीट ऊपर मंडरा रहा था। ऐसा ही 2015 में भी दिखा। इनमें से दो वीडियो को न्यूयॉर्क टाइम्स ने 2017 में पब्लिश किया था। वीडियो में दिख रहा है कि एक लंबाकार एक चीज आसमान की ओर बढ़ रहा है। एक पायलट कहता हुआ सुनाई दे रहा है, देखो उसे, यह तो घूम रहा है। एक अन्य वीडियो को 2018 में एक निजी विज्ञान सगंठन ‘टू द स्टार्स एकैडमी’ की ओर से जारी किया गया था। संगठन का कहना है कि वे अज्ञात हवाई वस्तुओं का अध्ययन करते हैं।