राकेश कुमार अग्रवाल
झांसी। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मण्डल द्वारा विकसित क्यूआर कोड आधारित सम्पर्क रहित आरक्षित टिकट जाँच प्रणाली को पूरे देश में लागू किया जा रहा है।
सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (CRIS) ने सभी क्षेत्रीय रेलों पर एक साफ्टवेयर एप्लीकेशन लांच किया है, जो यात्री के आरक्षित टिकट विवरण को यूनीक QR कोड के रूप में प्रदर्शित करेगा।
कहीं से भी आरक्षित टिकट बुकिंग करने पर, यात्री द्वारा उपलब्ध कराये गये मोबाइल नंबर पर क्यूआर कोड के यू अर एल (URL) वाला एक एसएमएस (SMS) आयेगा। स्टेशन पर प्रवेश या टिकट की जाँच के दौरान, यात्री अपने एसएमएस (SMS) में उपलब्ध क्यूआर कोड URL पर क्लिक करेगा और आरक्षित टिकट का क्यूआर कोड यात्री के मोबाइल ब्राउज़र पर प्रदर्शित होने लगेगा। CRIS द्वारा विकसित एप्लिकेशन युक्त हैंड हेल्ड टर्मिनल (HHT) का इस्तेमाल कॉन्टेक्टलेस तरीके से क्यूआर कोड स्कैनिंग के लिए किया जा सकता है और क्यूआर कोड की स्कैनिंग करते ही यात्री की उपस्थिति सम्बंधी सभी विवरण स्वतः ही एप्लिकेशन में अपडेट हो जायेंगे, जिससे आक्यूपेंसी, खाली बर्थों की स्थिति आदि की वास्तविक जानकारी रीयल टाइम के आधार पर उपलब्ध होगी। हैंड हेल्ड टर्मिनल (HHT) के अतिरिक्त, क्यूआर कोड को स्कैन करने की क्षमता से युक्त मोबाइल उपकरणों के माध्यम से भी टिकट चेकिंग स्टाफ क्यूआर कोड को स्कैन कर सकेंगे । Google Play store या iOS App Store आदि में उपलब्ध कोई भी QR कोड स्कैनिंग एप्लिकेशन जैसे QR & Barcode Scanner, QR Code Reader, का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। भारतीय रेलवे के संपूर्ण आरक्षित टिकटिंग पर लागू CRIS का यह एप्लिकेशन अब लाइव है और QR कोड जनरेट करने के लिए URL सहित SMS यात्रियों द्वारा दर्ज कराये गये मोबाईल नम्बर पर भेजा जा रहा है । रेलवे बोर्ड ने इस कॉन्टैक्टलेस टिकट चेकिंग सिस्टम के स्कैनिंग को शीघ्र लागू करने के लिए सभी क्षेत्रीय रेलों को टिकट चेकिंग स्टाफ को प्रशिक्षित और जागरूक करने के निर्देश दे दिए हैं.
यह क्यूआर कोड आधारित कॉन्टैक्टलेस टिकट स्कैनिंग प्रणाली एक जून से उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज स्टेशन पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई थी। अब इसे पूर देश में भी आरक्षित टिकटों के लिए लागू किया जा रहा है।
महाप्रबंधक उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे राजीव चौधरी व मण्डल रेल प्रबंधक अमिताभ के नेतृत्व में प्रयागराज मण्डल टीम ने इस प्रणाली की एक उन्नत संस्करण को भी लागू किया है जो संपर्क रहित टिकट जाँच के साथ – साथ हवाई अड्डे के तर्ज पर बोर्डिंग पास जारी करता है। इन प्रणालियों के विकास में सक्रिय रूप से शामिल वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक, प्रयागराज अंशु पांडे ने बताया कि हवाई अड्डा की तरह बोर्डिंग पासों की प्रणाली को पूरे देश में लागू करने के लिये प्रयागराज मण्डल लगातार रेलवे बोर्ड के संपर्क में है।
उत्तर मध्य रेलवे कार्य में अभिनव प्रयोगों को लागू करने में अग्रणी रेलवे रहा है। रेलवे बोर्ड ने हाल ही में सभी जोनल रेलवे पर कार्यान्वयन के लिए उत्तर मध्य रेलवे द्वारा किए गए 08 अभिनव कार्यों का चयन किया है। ये 08 इनोवेशन रेलवे बोर्ड द्वारा चुने गए 20 “गुड वर्क्स” का हिस्सा हैं, जो विभिन्न रेलवे इकाइयों से प्राप्त कुल 2645 प्रविष्टियों में से चुने गये हैं।