कलक्ट्रेट के सार्वजनिक शौचालय में लटका रहता है ताला, स्वस्थ भारत मिशन का उड़ रहा मख़ौल

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लाखों रुपए खर्च कर सार्वजनिक स्थानों पर बनाए शौचालय पर नहीं खोले ताले

रायबरेली-प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त मिशन के चलते प्रशासन एक तरफ नए शौचालयों का निर्माण कर शिलान्यास करने में जुटा है लेकिन वही दूसरी और लाखों रुपए की लागत से निर्मित शौचालय धूल फांक रहे है। प्रशासन व नगर पालिका की लापरवाही के चलते शहर के सार्वजनिक स्थानों पर बने शौचालय बंद पड़े है।

शौचालयों के बंद हाेने के कारण कलेक्ट्रेट परिसर में आने वाले फ़रियादी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर है। लोगो की माने तो nic स्थित लाखो रुपये की लागत से बना शौचालय लंबे समय से बंद पड़ा है जिसकी कोई सुध तक लेने वाला नहीं है। आपको बताते चले हर रोज़ हज़ारो की संख्या में फरियादी आते जाते रहते है। लाखों रुपए की लागत से बना शौचालय संचालित नहीं होने के कारण फरियादियो के साथ खासतौर पर महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इसके साथ ही शहर में बने सार्वजनिक शौचालय अगर खुले भी हैं तो उनमें इतनी गन्दगी भरी है वहा जाने से लोग कतराते हैं या फिर शौचालय का उदघाटन होने के बाद से बंद पड़े है।

सार्वजनिक स्थानों पर बने बंद शौचालय महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। बंद शौचालयों के चलते पुरुष तो खुले में शौच चले जाते है लेकिन महिलाएं खुले में शौच के लिए अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती है।

महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बने बंद शौचालय

जिम्मेदारों की मूक दर्शिता के चलते : सरकार के लाखों रुपए खर्च के बाद भी शौचालयों की दयनीय स्थिति बनी हुई है। प्रशासन व जिम्मेदारों की मुक दर्शिता के चलते निर्मित शौचालय धूल फांक रहे है। सरकारी बैठकों में स्वच्छता को लेकर किए जा रहे बड़े बड़े दावें भी धराशायी हाेते नजर आ रहे है।

शहर के कई शौचालय बंद पड़े है जिसके कारण आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन मार्ग पर बना शौचालय ज्यादातर बंद ही रहता है

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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