व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने कामगारों को कराया भोजन
बबेरू। लाकडाउन के छठवें दिन परदेश में कमाई करने वालों मजदूरों का पैदल आने का सिलसिला जारी रहा। भूखे प्यासे पैरों में पडे छले के बावजूद पैदल चलकर घर पहुंच रहे है। बबेरू में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने बाहर से आने वालों को भोजन कराया और उनको साधन की व्यवस्था करके घर पहुंचाने का कार्य कर रहे है।
लाॅकडाउन के छठवें दिन बबेरू समेत गांव देहात में सन्नाटा पसरा रहा। बबेरू क्षेत्र से मेहनत मजदूरी के लिए पलायन करने वाले लोग लाॅकडाउन से घर वापसी करने लगे है। राजस्थान, दिल्ली, महाराट्र, हरियाण सहित कई प्रदेशो से पैदल चलकर घर वापस लौटने का सिलसिला जा रही है। पैदल चलने से लोगो के पैरों में छले पड गए और पैरों में सूजन आ गई। भूखे प्यासे रहकर लम्बी दूरी से पैदल चलकर घर वापस लौट आ गए। बबेरू में व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुधीर अग्रहरि के अगुवाई में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने बाहर से आने वाले लोगो को अस्पताल में पहले चेकअप कराते रहे और उसके बाद भोजन कराकर वाहन की व्यवस्था करके घर भेजने का कार्य करते रहे। सुबह से लेकर शाम तक भूखे प्यासे लोगो की व्यवस्था में जुटे रहे। दूसरें प्रान्त से लौट कर घर आने वालों ने बताया कि मिल मालिको ने कारखानों में ताला लगा दिया। मजदूरों को पैसा भी नही दिया है। जिससे दो दिन तक भूखे प्यास रहे। वहां की सरकारों ने कोई व्यवस्था नही किया। जिसके कारण महाराट्र, गुजराज, दिल्ली व हरियाणा से पैदल चलकर आना पडा है।
पुलिस ने भांजी लाठी
लाकडाउन के छठवें दिन राशन सामाग्री एवं सब्जी खरीदने एवं दवा लेने गए लोगो पर पुलिस ने डंडा चटकाए। कई लोग घायल हो गए। घायलों ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी। बताया कि बिना पूंछतांछ के मारापीटा जाता है। पुलिस के खौफ से दुकाने खुलने नही पा रही है। जरूरत की सामाग्री नही मिल पा रही है। पुलिस की कारगुजारियों से रोा पनपने लगा है।
विहिम ने लिया मजदूरों का हाल, दी भोजन सामग्री
विश्व हिन्दू महासंघ की टीम ने मुहल्ले मुहल्ले जाकर मेहनत मजदूरी करने वालों का हालचाल लिया। जिनके घरो राशन सामाग्री के अभाव सें चूल्हा नही जला उनको राशन सामाग्री की व्यवस्था कराया। संदेश दिया कि सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करना सभी का धर्म है। किसी भी व्यक्ति को राशन सामाग्री की दिक्कते आए तो तुरन्त सूचित करे और एसडीएम, तहसीलदार को भी सूचना दे। किसी भी व्यक्ति को भूखा नही सोने दिया जाएगा।
सुधीर त्रिवेदी (वरिष्ठ पत्रकार)