गुड़ और तिल के लड्डू की तरह हिन्दू समाज को मिलाना होगा : चंपत राय

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  • अयोध्या के  कारसेवकपुरम् में मकर संक्रांति पर आयोजित हुआ समरस्ता भोज

  •  कराया गया खिचड़ी भोज, तिल-लड्डू, घी, पापड़ के साथ मिले दही-अचार

अयोध्या। कारसेवकपुरम् में मकर संक्रांति पर समरस्ता भोज आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि यह कार्यक्रम समरसता की दृष्टि से भी यह उत्सव महत्वपूर्ण है।

छोटे–छोटे एवं बिखरे हुए तिलों के समान हिंदू समाज को संगठित करना और गुड़रूपी मिठास लपेट कर प्रेम और अपनत्व का भाव समाहित करना ही इसे महत्वपूर्ण बनाता है।

उन्होंने कहा अकेला कड़ुआ तिल को खाया नहीं जा सकता है। बिना गुड़ को मिलाये वह मीठा नहीं हो सकता है। उसी प्रकार समाज की स्थिति है। अकेले किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। उसके लिये सभी को मिलाना होगा।

उन्होने कहा 1925 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुई। आज संघ भारत के तीन लाख गांवों में सक्रिय है। पांच लाख गांवों में श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण कार्यक्रम की व्यापकता का आधार संघ परिवार की सामूहिक एकजुटता थी।
कहा सामाजिक समरसता से ही हम मानवीय मूल्यों की रक्षा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लगातार 98 वर्षों से लोगों में राष्ट्रभक्ति जगाकर व्यक्तित्व का निर्माण कर रहा है और संघ का मानना है कि समरस समाज के द्वारा ही देश को परम वैभव पर पहुंचाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ऊंच-नीच छोटे बड़े का भेद किसी को भी नहीं करना चाहिए। भारत देश में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति एक है।

उन्होंने कहा स्नेह आत्मीयता एवं एकात्मकता की अनुभूति एवं व्यवहार के आधार पर एक समरस सुसंगठित समृद्धि व सभी प्रकार से सुख वह सुरक्षित समाज की रचना में ऐसे कार्यक्रम माध्यम बनते हैं।

उन्होने कहा जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है और दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर प्रस्थान करता है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर तथा अशुभ से शुभ की ओर का संकेत है।

इस अवसर पर विहिप केंद्रीय प्रबंध समिति के सदस्य पुरुषोत्तम नारायण सिंह, संघ प्रचारक गोपाल, शरद शर्मा, श्रीराम जन्मभूमि पुजारी संतोष, प्रधानाचार्य इंद्रदेव मिश्रा, गोविंद बंसल, जगदीश आफले, अविनाश संगम, घनश्याम, के एम सिंह, राहुल, आदित्य उपाध्याय, धीरेश्वर वर्मा, वीरेंद्र वर्मा, रामशंकर सर्वेश रामायणी,बालचंद, राजा वर्मा, राजेंद्र वर्मा, भूपेंद्र, आचार्य नारद भट्टाराई, दुर्गा प्रसाद अजय विक्रम आदि मौजूद रहे।

  • मनोज कुमार तिवारी
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