कोरोना प्रभाव : साहेब राशन कार्ड नहीं, कैसे बुझाऊं बच्चों के पेट की आग?

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झोपड़ी नुमा घर से सामने खड़ा पीड़ित प्रकाश
कौशाम्बी| सिराथू तहसील के पल्टीपुर गांव में रहने वाला एक पिता अपने 5 बच्चो के पेट के लिया अनाज की मांग आला अधिकारियो से कर रहा है। लॉक-डाउन की हालत में घर में लाचार बैठे शख्स की फ़रियाद पर अफसरों ने खाना पूर्ती करते हुए ग्राम प्रधान व् लेखपाल को पीड़ित परिवार को अनाज मुहैया कराने का आदेश दिया, लेकिन अब तक न हो परिवार के पास अनाज का एक भी दाना नहीं पंहुचा है। मजबूरन पीड़ित पिता को पड़ोसियों के सामने हाथ फैलाकर बच्चो का पेट भरना पद रहा है। 
 
मिली जानकारी के अनुसार सिराथू तहसील के पल्टीपुर गांव का रहने वाला प्रकाश गांव में ही मेहनत मजदूरी कर अपनी 4 बेटियों व् एक बेटे का पेट बड़ी मुश्किल से पाल रहा है। प्रकाश की पत्नी 6 साल पहले बीमारी के कारण दुनिया छोड़ कर चली गई। लॉक-डाउन हालत में गांव में काम धंधा बंद हो गया। परिवार पहले से ही रोज कमाने खाने की हालत पर था।  ऐसे में हाट स्पॉट गांव से सटे होने के कारण प्रशासनिक अफसरों ने पल्टीपुर को भी सीज कर दिया। गांव से लोगो का घरो से बाहर न निकल पाने के कारण पिछले कई दिनों से प्रकाश और उसके बच्चे पेट की आग पड़ोसियों से अनाज मांग कर बुझा रहे थे। दो दिन पहले पड़ोसियों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए। 
पीड़ित पिता प्रकाश ने बताया परिवार ने अफसरों तक किसी तरह घर में अनाज न होने की समस्या पहुंचाई। समस्या सुनते ही बड़े साहेब ने तुरंत राशन देने के लिए ग्राम प्रधान व् हल्का लेखपाल को कहा ! लेकिन साहेब मेरे पास राशन कार्ड नहीं है जिसके कारण अभी तक राशन का एक दाना भी नहीं मिला है। किसी तरह लोगो से मांग कर बच्चो का पेट भर रहे है। 
 
एसडीएम सिराथू राजेश श्रीवास्तव ने बताया गांव के प्रधान व् लेखपाल को निर्देशित किया गया था कि पीड़ित प्रकाश के घर अनाज पहुंचाया जाय, यदि अभी तक नहीं पंहुचा है तो तत्काल वह खुद अनाज पहुचायेगे। किसी को भी भूख से बिलखने नहीं दिया जायेगा। 
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