क्वॉरंटीन किए गए कामगारों की वतन वापसी

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खुशी मिली इतनी कि मन में न समाए

राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड (महोबा)। रोजी रोटी की तलाश में पूर्वी यूपी के जिलों से मुम्बई पहुंचे कामगारों को आखिरकार प्रद्श सरकार ने सदाशयता दिखाते हुए उनकी घर वापसी की राह आसान करने के बाद स्थानीय प्रशासन ने बसों से उनको संबंधित जिलों में रवाना कर दिया। अपनी घर वापसी की उम्मीद पर निकले कामगारों की खुशी उनके चेहरों से छलक रही थी।

प्रदेश के गोंडा, बस्ती, बहराइच सिद्धार्थनगर व संत कबीरनगर जिलों के ८५ कामगार महाराष्ट्र में मेहनत मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे। कोरोना वायरस के चलते किए गए लाॅकडाउन के कारण मुंबई में फंस गए थे। किसी तरह कैंटर से ढाई लाख रुपए में ये कामगार अपने अपने घरों के लिए निकले थे। कैंटर को एक दिन झांसी में रोके रखा गया। वहां से कैंटर में सवार सभी पचासी मजदूर जब अपने गंतव्य के लिए निकले तो कैंटर चालक ने चाकू की नोंक पर सभी मजदूरों को महोबकंठ के निकट उतार कर भाग गया . वहां से पैदल आ रहे सभी कामगारों को स्थानीय प्रशासन ने नगर के आश्रय स्थल में क्वारंटीन किया था. मजदूरों एवं स्थानीय नागरिकों की मांग पर जिलाधिकारी ने शासन से उन्हें संबंधित जिलों में भेजने की इजाजत मांगी। सरकार द्वारा हरी झंडी देने के बाद सोमवार को उपजिलाधिकारी ने सबसे पहले सभी कामगारों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। इसके बाद प्रदेश परिवहन की तीन बसों से उप जिलाधिकारी मोहम्मद आवेश ने सिद्धार्थनगर के 58 मजदूरों , संतकबीर नगर के 12 , बस्ती के 12, बहराइच व गोंडा जिले के एक एक कामगारों को उनके जिलों को रवाना कर दिया। इस मौके पर मजदूरों की खुशी देखते ही बन रही थी। रवाना होने के पहले उन्हें व बस चालकों, कंडक्टरों को मास्क , सेनेटाइजर दिए गए व उन्हें बचाव के टिप्स भी दिए।

इस मौके पर तहसीलदार सुबोध मणि शर्मा, नायब तहसीलदार राधेश्याम गौड़, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कुलपहाड़ अभिमन्यु यादव लेखपाल नीरज समेत तमाम कर्मचारी उपस्थित थे।

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