गाँवों में प्रतिभाओं की कमी नहीं

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इचौली, हमीरपुर। गाँवों में प्रतिभाओं कि कमी नहीं हैं बस उनको तरासने कि जरूरत होती हैं। ग्रेट खली को कौन नहीं जानता जो एक छोटे से गाँव से निकलकर WWE का हिस्सा रहे और देश का नाम रोशन किया।

मुख्यालय से 65 किलोमीटर गाँवों में प्रतिभाओं की अंतिम छोर में बसे ग्राम नायकपुरवा इचौली निवासी सिपाहीलाल पाल का बेटा अठारह वर्षीय सीरज ग्रेट खली से कम नहीं हैं आज उसकी लम्बाई -7.2फुट हैं तो
वजन- 115 किलो ग्राम
सीना -110 सेमी
कमर -40 इंच
80 से 90 किलो ग्राम वजन बिना किसी सहारे के उठा सकता हैं। सीरज ने खाने के बारे में बताया कि माँ के हाथ कि गेंहू कि बनी रोटी 15से 18रोटी व चावल, सब्जी और 1किलो मिठाई, आधा किलो गुड़ व ढाई लीटर दूध पी जाता हूँ। वह ज्यादातर शाकाहारी खाना पसंद करता हैं वही वह शराब से कोसो दूर रहना पसंद करता हैं।

मौदहा विकास खण्ड के ग्राम नायकपुरवा इचौली में गरीब परिवार सिपाहीलाल पाल के घर में जुलाई 2004में जन्मे सीरज को आज पेट भर भोजन भी नहीं मिल पा रहा हैं

सीरज ने बताया कि 2019 में मैने हाईस्कूल कि परीक्षा दी और मेरे मन में आया कि मै हाईस्कूल बाद आर्मी में जाऊंगा।

मेरे मन में हमेशा यही विचार आया करते थे और मै 10किमी डेली दौड़ लगाया करता था तो मुझे सामान्य से ज्यादा भूख लगने लगी जहां मै पहले 5-6रोटी खाता था अब मुझे हमेशा भूख का अहसास होता रहता था।

और मेरी लम्बाई भी बढ़ने लगी तो मुझे ख़ुशी हुई पर मेरी भूख में कोई कमी नहीं हो रही थीं।

अब यही लम्बाई मेरी परेशानी का कारण बन गई हैं अब मेरे नाप के बाजार में जूते चप्पल नहीं मिलते हैं जिससे मुझे बिना चप्पल जूता पहने ही रहना पढता हैं और न ही मेरे नाप के कपडे मिलते हैं lइतना ही नहीं घर में मेरे नाप कि कोई चारपाई नहीं हैं मेरे पिता जी ने मेरे लेटने के लिए आठ फुट लंबा तखत बनवाया व दो गद्दे भरवाए हैं।

पिता सिपाही लाल सामान्य किसान व मजदूरी हैं 5बीघा खेत हैं जो अन्ना जानवरो के कारण फगाँवों में प्रतिभाओं की कमी नहींसल नहीं हो पाती हैं गाँव में मजदूरी के भरोसे रहते हैं।

सीरज कि माँ श्यामा देवी ने बताया कि बेटे कि लम्बाई देख कर ख़ुशी हुई थीं लेकिन लम्बाई के साथ बेटे कि खुराक भी बढ़ गई हैं जो परेशानी का शबब हैं वही घर के अंदर हमेशा बेटे को झुक के रहना पड़ता हैं। जिससे हमे बहुत कष्ट होता हैं।

  • एमडी प्रजापति
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