कौशाम्बी | जनपद के स्वास्थ्य महकमे में कोरोना महामारी सुरक्षा किट खरीद में गोल-माल का आरोप लगा है। मामले की शिकायत विभाग के संविदा कर्मी ने पत्र भेज कर मुख्यमंत्री से शिकायत की है। शिकायती पत्र मीडिया में वाइरल होते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य महकमे के उच्च अधिकारियो ने प्रकरण की जाँच शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के लड़ाई लड़ने के लिए स्वास्थ्य महकमे को भारत सरकार ने करोडो रुपये का बजट जारी कर निर्देशित किये था कि कोरोना योद्धा चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ व् चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण खरीद कर मुहैया कराये जाए।
शिकायत कर्ता मनीष कुमार का आरोप है कि सीएमओ कौशाम्बी के द्वारा सरकारी धन का दुरूपयोग करते हुए कोरोना योद्दा डॉक्टर्स पैरा-मेडिकल स्टाफ को निर्धारित मानक के विपरीत पीपी किट खरीद कर वितरित की गई। कई कर्मचारियों को पीपी किट के नाम पर रेन कोट पकड़ा दी गई। महकमे के अफसरों ने अपनी चाहती फार्म को लाभ पहुंचने व् धन के बन्दर बाँट के लिए उच्च रेट के टेण्डर मंजूर कर बिल का भुक्तान करा दिया गया।
मनीष कुमार ने बताया, 08 मई को उसने कोरोना महामारी में गड़बड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर की। शिकायत के बाद स्वास्थ्य महकमे में अफसरों ने कार्यवाही के डर से पटल सहायक बाबुओ के पटल बदल दिए। गड़बड़ी से जुड़े दस्तावेज व् जानकारिया लीक न होने पाए इसके लिए राज्य वित्त, सूचना अधिकार, एनएचएम जैसे बेहद महत्वपूर्ण पटल के सहायक व् वरिष्ठ सहायक बाबुओ का पटल बदल किये गया। आरोप है कि पटलों पर सविंदा कर्मियों से काम कराया जा रहा है।
एड़ी हेल्थ सुधाकर पाण्डेय ने बताया कि कोरोना बचाव सामग्री खरीद मामले की शिकायत की जाँच की जा रही है। जाँच के दौरान प्रकरण में उनके द्वारा किसी तरह का बयान दिया जाना उचित नहीं है। जाँच रिपोर्ट आने के पश्चात दोषी पाए जाने वाले शख्स के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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