सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद व्यापार मंडल अध्यक्ष सुधीर अग्रहरि पुलिस कर्मी से बात करते हुए
बबेरू। लाकडाउन के पांचवे दिन परदेश में मजदूरी करने वालों का पैदल आने का कारवां शुरू हो गया है। पैदल चलकर आने से लोगो के पैरों पर छाले पड गए। भूख प्यास के बावजूद हिम्मत नही हारे। तीन दिन दो राते पैदल चलकर जांच पडताल से गुजरते हुए घर पहुंचे।
बबेरू तहसील क्षेत्र के ग्रामों से 25 फीसदी से अधिक लोग अक्टूबर में हर र्वा पलायन कर जाते है। 8 माह गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराट्र समेत कई प्रान्तों के शहरों में मेहनत मजदूरी कर कमाई करते है। जून माह के प्रथम पखवारें से परेदश से हर र्वा लौटनें का सिलसिला शुरू हो जाता था। इस र्वा वैश्विक कोरोना वाइरस के चलते सम्पूण देश में 25 मार्च से लाॅकडाउन कर दिया गया। मील, कारखानों समेत सभी उद्योग धंधे बंद हो गए। जिससे मेहनत मजदूरी करने वालों का काम ठप्प हो गया। रोजमर्रा की वस्तुएं रोजाना खरीद कर पेट भरते थे। जब दुकाने बंद हो गई तो उनके सामने पेट भरने का संकट खडा हो गया। उनकी मद्द के लिए कोई आगे नही आया तो वह विवश होकर इन प्रान्तो से पैदल अपने घरों के लिए निकल पडे। तीन दिन दो रात में इन प्रान्तों के शहरों से बबेरू क्षेत्र के पलायन करने वाले अपने गंतब्य तक आ पहुेचे। रविवार को सुबह से शाम तक पांच सैकडा से अधिक दूसरें प्रान्तों से आने वालांे ने बबेरू आकर राहत की सांस ली। परदेशियों ने बताया कि जगह जगह पर रोंक कर पूंछतांछ हुई और जांच पडताल से गुजरना पडा है। दिन रात चलने से पैरों में छाले पड गए है। परदेशियों के लिए वहां की सरकारों ने कोई इंतजाम नही किया है जिससे भूखे प्यासे पैदल आना पडा है। बबेरू आकर खुद पुलिस से कहकर जांच कराने का आग्रह किया। पुलिस ने सभी को अस्पताल ले जाकर जांच पडताल कराई और वाहनों का इंतजाम करके घरों के लिए भिजवाया है।
परदेशियों को अस्पताल ले गए व्यापार मंडल अध्यक्ष
व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष सुधीर अग्रहरि टीम के महामंत्री बसन्त गुप्ता, उपाध्यक्ष अमरनाथ गुप्ता, विपुल गुप्ता, मंत्री सुरेन्द्र सेठी, प्रहलाद शिवहरे ने सभी परदेशियों को पुलिस के सहयोग से अस्पताल ले जाकर जांच पडताल कराई और सभी को सेंटराइज्ड कराया और विस्कुट, नमकीन खिलाकर उनके गांवो साधनों से भिजवाया है।
रिपोर्टर – सुधीर त्रिवेदी