चिंतन के लिए चित्रकूट तो चिंता के लिए मथुरा

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– मथुरा के रमणरेती स्थित एक काॅटेज में हो रही है कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक

– चित्रकूट में 9 जुलाई से होगी आरएसएस की प्रांत प्रचारक बैठक

रिपोर्ट – संदीप रिछारिया

धर्मक्षेत्र। चिंतन के लिए सर्वश्रेष्ठ भूमि है चित्रकूट तो चिंता की सबसे बडी भूमि है मथुरा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने देश की वर्तमान परिस्थितियों व हिंदुत्व को विश्व स्तर पर प्रभावी बनाने के लिए चित्रकूट का चयन किया तो श्रीकृष्ण को धोखा देने वाली मथुरा का चयन कांग्रेेस ने अपनी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के लिए किया। हाल यह रहा कि बैठक शुरू होने के पूर्व ही मथुरा में एक महिला पदाधिकारी के साथ कांड हो गया और चिंतन शिविर में विवाद पैदा हो गया। लेकिन चित्रकूट तो चित्रकूट है। यहां पर संघ, भाजपा, सपा और कांग्रेस के पूर्व में कई बार राष्ट्रीय स्तर के शिविर आयोजित हो चुके हैं।

वैसे मथुरा में कांग्रेस के द्वारा शिविर करने को लेकर कहा जा रहा है कि जब अखिलेश यादव ने श्रीकृष्ण पर अपना काॅपीराइट ठोंक रखा है तो कांग्रेस को उनके बीच में टांग नही अडानी चाहिए। क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में पीके के निर्देश पर यूपी के लौड़ों ने खूब खटिया सभाएं की थीं। चुनाव का रिजल्ट आने के बाद खटिया तो टूट गई और यूपी के लौंडे भी कहीं के न रहे। अब हाल यह है कि कांग्रेस को भी अपनी बैठकें वर्चुअल करनी पड़ रही हैं। मथुरा की बैठक में पार्टी की महासचिव प्रियंका बढेरा गांधी ने आॅनलाइन संबोधित किया। निरूत्साही लोगों के अंदर उत्साह भरने का काम किया, लेकिन सच्चाई यह है कि महिला कार्यकर्ता के साथ बत्तमीजी होने व उसकी छीछरलेदर होने के बाद कांग्रेसी खुद ही मीडिया से दूरी बनाते दिखाई दिए।

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